किचन में पाई जाने वाली छोटी सी छोटी चीज का अलग ही स्वाद होता है। वैसे ही आपके किचन में पाया जाने वाली चीजों में से एक राजगिरा भी है। व्रत के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है और इससे बहुत सी तरह की स्वादिष्ट डिशेज भी बनाई जाती हैं। यह व्रत के दौरान होने वाली कमजोरी को दूर करके एनर्जी देने का काम करता है। आपने इसका इस्तेमाल तो बहुत बार किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बनता कैसे है?तो चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में कुछ खास बातें...
राजगिरा कैसे बनता है?
यह अमरंथ के पौधे के बीज से बनता है और इसे एक वंडर ग्रेनर कहते हैं। राजगिरा सिर्फ भारत में ही नहीं बाहरी देशों में भी इस्तेमाल किया जाता है। बहुत से देशों में इसे डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। एक्सपर्टस के अनुसार यह वजन कम करने में सहायता करता है और शरीर को एनर्जी भी देता है। इसलिए इसका सेवन व्रत में किया जाता है।
व्रत में क्यों किया जाता है इसका इस्तेमाल
नवरात्री के व्रत में इसका सेवन किया जाता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, मेग्नीशियम, फोलेट, केल्शियम और फोलेट जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते है। कार्ब्स और फाइबर से भरपूर राजगिरा वजन कम करने में भी सहायता करता है। राजगिरा एक फूल से निकलता है लेकिन इसे एक अनाज के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाता है। ग्लूटेन फ्री होने के कारण यह शरीर को एनर्जी देने का काम करता है।
राजगिरा उगता कैसे है?
अमरांथ के पौधे से इसकी शुरुआत होती है। इसके बीज को प्रोसेस किया जाता है।जिसे राजगिरा कहते हैं। पहले इसके बीज को अच्छे से सुखाया जाता है। इस फूल का रंग पर्पल होता है जिसके अंदर से फूल बीज निकलते हैं। अगर आपको सिर्फ इससे फूल उगाने है तो आप उसी समय उसको मिट्टी में लगाकर उगा सकते हैं। लेकिन यदि आपको इसका खाने में इस्तेमाल करना है तो आपको इसके सूखने का इंतजार करना पड़ेगा। यदि राजगिरे का फूल गिला है तो 3-4 दिन के लिए आप इसे सुखाने के लिए रख दें। उसके बाद इसे अच्छे से रगड़कर आप बीज निकाल सकते हैं। इसके बाद राजगिरे के बीज को साफ करने का प्रोसेस होता है जिसमें फूलों की पत्तियों को निकाला जाता है। यह काम ज्यादातर ब्लेडिंग मशीन की सहायता से किया जाता है। फिर इसे पैक करके रख दिया जाता है।जिसके बाद आप इसे रॉस्ट करके खा सकते हैं। रॉस्ट करने के बाद आप राजगिरा खा सकते हैं। यह बहुत ही आसानी से उगने वाला पौधा है और इस पौधे की आपको ज्यादा देखभाल भी नहीं करनी पड़ेगी।