कोरोना वायरस सबसे ज्यादा बूढ़े और बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में मां-बाप का इस विषय को लेकर चिंतित होना लाजमी है। मगर बच्चों को और खुद को पैनिक करने की बजाए इस वायरस के बारे में उन्हें बताएं, और बचने की जानकारी भी दें।
बच्चों को बताएं कैसे फैलता है वायरस?
बच्चों का ध्यान रखते हुए बेशक सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं, मगर फिर भी कोरोना से बचने के लिए उन्हें जानकारी जरुर दें। उन्हें बताएं कि यह वायरस जानवरों और इंसानों को अपना शिकार बनाता है। यह वायरस पूरी तरह कोशिकाओं में घुस जाता है, कोशिकाओं को तोड़ने के बाद फिर से इसे उत्पन्न करने का काम करता है। किसी भी प्रभावित व्यक्ति के खांसने और छींकने पर यह वायरस बहुत जल्द फैलता है। बच्चों को बताएं कि कोई भी व्यक्ति अगर खांसे या छींके तो उससे जितना हो सके दूर रहें।
बच्चों को सिखाएं छोटे-छोटे टिप्स...
-बच्चों की पॉकेट में हैंड-सैनिटाइजर रखें, हर आधे घंटे के बाद उन्हें इस्तेमाल करने के लिए कहें।
-बच्चों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में न तो खुद लेकर जाएं और न ही उन्हें अकेले में ऐसा करने दें।
-खांसते और छींकते वक्त उन्हें मुंह पर हाथ रखना सिखाएं।
-खांसने और छींकने के बाद बच्चा हाथ जरुर वॉश करे।
-अगर आपको सर्दी-जुकाम की शिकायत है तो खुद भी बच्चे से दूर रहें।
-कुछ देर के लिए बच्चे को एक दूसरे का खाना शेयर करने से मना करें।
बच्चे को पैनिक होने से बचाएं...
कोरोना वायरस की खबर को लेकर जहां बड़े लोग पैनिक होकर सिर दर्द का शिकार हो रहे हैं, वहीं आप सोचिए बच्चों पर इसका क्या असर पड़ेगा। बच्चों को समझाएं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें। आजकल बच्चे भी मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में उन्हें जल्दबाजी में किसी भी खबर को शेयर करने से रोकें।
कोरोना से पीड़ित बच्चों में दिखने वाले लक्ष्ण
- अगर बच्चे को एक दम से 102 या 4 बुखार हो।
- सूखी खांसी और सांस लेने में दिक्कत।
कैसे फैलता है वायरस?
-पब्लिक प्लेस में जाकर टेबल, कुर्सी, दरवाजे और सीढ़ियां चढ़ते वक्त ग्रिल को छूना।
-खांसते और छींकते वक्त मुंह पर हाथ न रखना।
ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी लोगों को इस बारे में अवेयर होना जरुरी है। ताकि इस तेजी से फैलती महामारी पर जल्द पकड़ पाई जा सके।
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