इन दिनों राजकुमार राव की फिल्म 'श्रीकांत' खूब चर्चा में है। इस फिल्म की लाजवाब स्टोरी और इसमें राजकुमार की एक्टिंग की खूब तारीफ हो रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि फिल्म श्रीकांत बोला नाम के यंग बिलियनेर की जिंदगी पर आधारित सच्ची कहनी है। जी हां, एक नेत्रहीन इंसान जिसे सब अधूरा समझते हैं और दया की निगाहों से देखते हैं, ऐसे श्रीकांत ने न सिर्फ MIT जाकर पढ़ाई की, बल्कि कंपनी के CEO भी बने। आइए आपको बताते हैं श्रीकांत बोले के करोड़पति बनने के सफर के बारे में....
कौन हैं श्रीकांत बोला
बोलैंट इंडस्ट्रीज (Bollant Industries) के मालिक श्रीकांत का जन्म आंध प्रदेश के सीतारामानपुरम में 7 जुलाई 1991 को एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। जन्म से ही नेत्रहीन श्रीकांत को सब हीन द्दष्टि से देखते और कहते की परिवार पर बोझ है। हालांकि, श्रीकांत की किस्मत में तो राजभोग लिखा था। वो शुरु से ही पढ़ाई में अच्छे थे। वो कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते। श्रीकांत बताते हैं कि कई सारे लोग उसके पैरेंट्स को उसे मार डालने तक की सलाह दे रहे थे। लेकिन जैसे- तैसे समय बीता। महज 8 साल की उम्र में उन्हें हैदराबाद के नेत्रहीन बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। यहां पर भी उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा। वो स्विमिंग, क्रिकेट और शतरंज जैसे खेलों में रुचि लेने लगे।
पढ़ाई के लिए लड़नी पड़ी श्रीकांत को जंग
10वीं में श्रीकांत को कम नंबर आए थे, पर इससे वो हताश नहीं हुए। 12 वीं में 98 फीसदी लेकर उन्होंने आईआईटी के लिए अप्लाई कर दिया। लेकिन अच्छे नंबर के बावजूद IIT ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया। देश से एजुकेशन सिस्टम से नाराज उन्होंने उन पर केस दिया। 6 महीने की लड़ाई के बाद उन्हें साइंस में पढ़ाई का मौका मिला। अमेरिका के कैम्ब्रिज स्थित फेमस MIT ने श्रीकांत को स्कॉलरशिप दी और ऐसा उन्होंने आखिरकार इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वो यहां पढ़ाने वाले पहले नेत्रहीन छात्र बने। वो भारत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज भी खेल चुके हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम से रहा श्रीकांत का खास नाता
एपीजे अब्दुल कलाम का भी श्रीकांत की जिंदगी में अहम रोल रहा है। 2005 में श्रीकांत राजीनित में अपना हाथ आजमा रहे थे । इसके बाद वो लीड इंडिया 2020 द सेकेंड नेशनल यूथ मूवमेंट के सदस्य बने। इस मूवमेंट को देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ही शुरु किया था।
ऐसे की श्रीकांत ने Bollant Industries की शुरुआत
MIT से पढ़ाई करने के बाद जब श्रीकांत हैदराबाद वापस लौटे तो उन्होंने 10 लाख का निवेश करके बोलेंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की। ये एक ईको- फ्रेंडली प्रोडक्ट्स वाली कंपनी है और सबसे अनोखी बात ये है कि यहां काम करने वाले सारे लोग दिव्यांग है। 2016 में रतन टाटा ने भी इस कंपनी में निवेश किया। 2018 तक इस कंपनी ने इतनी कमाई कर ली की इसक टर्नओवर 150 करोड़ तक पहुंच गया। आज श्रीकांत देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन है और साल 2017 की फोबर्स एशिया ने 30 अंडर 30 में एशिया के सबसे प्रभावशाली युवाओं में शामिल किया। वहीं साल 2021 में उन्हें world economic forum ने यंग ग्लोबल लीडर चुना।
श्रीकांत का नेटवर्थ
आज श्रीकांत की कंपनी की वैल्यू 500 करोड़ रुपये है और उनकी खुद की नेट वर्थ 50 करोड़ रुपये के आसपास है।