भारत में कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड विकसित करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अब ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी जंग तेज कर दी है। नोवावैक्स के साथ भारत को जल्द ही ओमिक्रॉन के लिए भी वैक्सीन मिल जाएगी। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि- भारत में ओमीक्रॉन के बढ़ते प्रकोप देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट एक खास वैक्सीन तैयार कर रहा है।
अगर सब कुछ सही रहा तो अगले 6 महीने में ये भारत में उपलब्ध हो जाएगी। अदार पूनावाला ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा- ये टीका खास तौर पर ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए-5 के लिए होगा और छह महीने के भीतर इसके आने की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि नई वैक्सीन ओमिक्रॉन के साथ- साथ कोविड के पुराने वायरस से लड़ने में भी मदद करेगी। बताया जा रहा है कि ये टीका एक बूस्टर डोज के रूप में भी महत्वपूर्ण होगा।
अदार पूनावाला के मुताबिक भारत के लिए ओमिक्रॉन स्पेसफिक वैक्सीन को बढ़ावा देना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ओमिक्रॉन हल्का नहीं बल्कि खुद को एक गंभीर फ्लू की तरह प्रस्तुत करता है। वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन में ड्रग रेगुलेटर ने मॉडर्ना वैक्सीन के अपडेटेड वर्जन को मंजूरी दे दी है। एक्सपर्ट्स के मानना है कि मॉडर्ना अपडेटेड वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट पर भी असरदार साबित होगी। ओमिक्रॉन वेरिएंट को टारगेट करने वाली इस मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूके पहला देश बन गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक लगभग दस हजार केसों और हर दिन 16.41 पॉजिटिवटी रेट के साथ भारत इन दिनों ओमिक्रॉन लहर का सामना कर रहा है। दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच विशेषज्ञों ने यहां ओमिक्रॉन के एक और नए सब-वैरिएंट के बारे में पता लगाया है। अधिकारियों ने इसकी पहचान ओमिक्रॉन सबवेरिएंट बीए-2.75 के रूप में की है। BA-2.75 वैरिएंट को लेकर किए गए प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया कि BA.5 और मूल BA.2 की तुलना में यह इफेक्टिव रिप्रोडक्शन नंबर्स (Re) वाला हो सकता है। जिससे यह चिंता भी बढ़ रही है कि यह जल्द ही BA.5 को पछाड़ कर सबसे संक्रामक वैरिएंट के तौर पर उभर सकता है।