![चीन में 7 साल पहले फैला था कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा!](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2020_8image_14_11_414951978chinavirus2-ll.jpg)
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक करीब 2 करोड़ 17 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही हैं। हालांकि जिस शहर से यह वायरस शुरू हुआ था वहां इसका कहर अब खत्म हो चुका है।
चीन में 7 साल फैला था कोरोना
भले ही चीन में कोरोना का कहर थम गया है लेकिन फिर भी इसे लेकर रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि चीन में यह वायरस 7 साल पहले ही फैल चुका था लेकिन किसी को भी इस बात की खबर नहीं दी गई थी।
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6 मजदूर हुए थे संक्रमित
वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन में कोरोना वायरस साल 2012 में ही आ गया था। यही नहीं, कुछ मजदूर इस वायरस से संक्रमित भी थे, जिसमें आज के वायरस जैसी ही लक्षण दिखे थे। खबरों के मुताबिक, चीन के मोजियांग खदान में 2012 में 6 मजदूरों को चमगादड़ का मल साफ करने को कहा गया था, जिससे वो इसकी चपेट में आ गए थे। उनमें से 3 लोगों की मौत हो गई थी।
डॉक्टर ली सू ने लिखी थी थिसिस
बता दें कि मजदूरों का इलाज करने वाले डॉक्टर ली सू ने वायरस पर थीसिस भी लिखी थी। उनकी थीसिस को अमेरिका के वायरॉलजिस्ट जोनाथन लैथम और मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट ऐलिसन विल्सन ने पढ़ा था। मजदूरों के सैंपल वुहान लैब भेजे गए जहां से यह वायरस अन्य लोगों में फैला।
मलेशिया से भी मिला खतरनाक वायरस
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मलेशियां में भी एक नए वायरस की पहचान की गई है जो सामान्य और कोरोना के मुकाबले कोरोना 10 गुण ज्यादा खतरनाक है। डी614जी म्यूटेशन नामक इस वायरस का पहला मामला जुलाई में सामने आया।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 का पहला मामला 11 जनवरी को सामने आया था, जिसके बाद यह करीब 180 देशों में तबाही की मंजर दिखा चुका है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन खोज रहे हैं, लेकिन तब तक सावधानी में ही आपकी सुरक्षा है।