Andhra Pradesh के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को उड़ान भरने वाले चंद्रयान ने आज चांद पर land कर लिया है। देशभर में इस मिशन की कामयाबी के लिए प्रार्थना की गई थल। कि इस बड़े प्रोजक्ट को लीड करने की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ रितु करिधाल श्रीवास्तव को सौंपी गई है। रितु को रॉकेट वुमन के नाम से भी जाना जाता है। इनके इशारे में ही चंद्रायान को धरती से लॉन्च किया गया था और उन्हीं के इशारे पर इसने चांद पर लैंडिंग की ली आइए आपको बताते हैं विस्तार से रॉकेट वुमन के बारे में....
कौन है रितु करिधाल ?
रॉकेट वुमन के नाम से चर्चित रितु करिधाल यूपी के लखनऊ की रहने वाली हैं। चंद्रयान- 3 से पहले वो प्रोजक्ट चंद्रयान- 2 की भी डायरेक्टर रह चुकी हैं। ये मिशन अपने आखिरी पड़ाव में आकर तकनीकी खामियों के चलते असफल हो गया था। रितु मंगलयान मिशन में डिप्टी डायरेक्टर भी रह चुकी है और इस मिशन को उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया था। चंद्रयान- 3 मिशन में उन्होंने 54 महिला इंजिनियर की टीम को लीड किया है।
कहां से की पढ़ाई?
इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई नवयुग कन्या महाविद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री लखनऊ यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। यहीं से उन्होंने भौतिक विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए रितु बेंगलुरू चली गईं। उन्होंने MTech कंपलीट करने के बाद PHD की। हालांकि इसरो के लिए उन्हें बीच में ही PHD छोड़नी पड़ी थी। भारतीय विज्ञान संस्था से एयरोस्पेस में स्पेशलाइजेशन करने के बाद 1997 में इसरो के साथ जुड़ी। साल 2007 में उन्हें यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।
चंद्रयान-2 मिशन की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने में असफलता के बाद चंद्रयान-3 मिशन को भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है।