कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है। मगर, इसकी वजह से देश-विदेश में घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं। यही नहीं, कई देशों में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा ही नहीं बल्कि पति-पत्नी तक बात तलाक तक पहुंच गई है।
दोगुना हो गई हैं शिकायतें
NCW अध्यक्ष ने बताया कि मार्च महीने के पहले हफ्ते (2-8 मार्च) में आयोग के पास देशभर से कुल 116 शिकायतें आईं थी, जो सामान्य दिनों की तुलना में डबल हो गई है। इस दौरान 10 दिनों के भीतर ही (23-31 मार्च तक) यह आंकड़ा 257 तक पहुंच गया है और हर दिन के साथ यह बढ़ रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान घरेलू हिंसा के 69, सम्मान ना मिलने की 77, 2 दहेज के लिए मारने की शिकायत, 13 शिकायतें दुष्कर्म या इसकी कोशिश करने की शिकायतें मिलीं है।
इतनी तरह से होता है वॉयलेंस
. मानसिक और भावनात्मक हिंसा। इन मामलों में हिंसा की शिकार आमतौर पर महिलाएं होती हैं। लेकिन यह कहना सही नहीं होगा कि ऐसा सिर्फ महिलाओं के साथ ही होता है।
पति-पत्नी में झगड़े की ये हैं वजहें...
1. यह एक मानसिक और भावनात्मक समस्या का दौर है। जॉब की अनिश्चितता ने पुरुषों और महिलाओं दोनों के अंदर ही असुरक्षा की भावना बढ़ा दी है, जो कपल्स में झगड़े की वजह बन रहा है।
2. लॉकडाउन के कारण अनिश्चितता है, जॉब जाने का डर है, आर्थिक नुकसान का डर और असुरक्षा है। ये सभी चीजें लोगों में चिंता और तनाव बढ़ने का कारण बन रही हैं।
3. इस दौरान महिलाओं को ना तो पूरा आराम मिल पा रहा है और ना ही पर्सनल स्पेस। यह भी एक वजह है, जो कपल्स के बीच झगड़ों का कारण बन रही है।
4. सामाजिक स्तर पर देखें तो हमारे समाज में आज भी पुरूष महिलाओं का हाथ बटाना पसंद नहीं करते। क्योंकि उन्हें लगता है कि घर का काम सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। ऐसे में यह भी कलह-कलेश का कारण बन जाती है।
5. जो महिलाएं लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं। उनके ऊपर काम का दबाव कई गुना बढ़ गया है। ऑफिस व घर का काम करने के चक्कर में भी झगड़े बढ़ रहे हैं।
क्या करें...
-अक्सर कपल्स को शिकायत रहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें समय नहीं देता। ऐसे में अब आप घर पर साथ हैं तो अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिश करें। एक दूसरे को समझें और दिल की बात शेयर करें।
-घर के काम मिल-बांटकर करें, इससे झगड़े कम होंगे और प्यार बढ़ेगा।
-इस समय परिवार की जिम्मेदारी है कि उनके गुस्से को शांत करने का प्रयास करें और काम में उनका हाथ बटाएं। ताकि वे भी अपने लिए कुछ समय निकालकर आराम कर पाएं।
-यह ऐसा समय है जब आपको मानसिक रूप से मजबूत बनना होगा।
-मन को शांत रखने का प्रयास करें और इसके लिए मेडिटेशन करें। साथ ही खुद के लिए भी समय निकालें।
अगर आप हिंसा का सामना कर रही हैं तो वीमेन हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क कर सकती है, ताकि आपको सहायता दी जा सके।