आज देश भर में सिखों के10वें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व की धूम देखने को मिल रही है। गुरु गोबिंद जी का जन्म 22 दिसम्बर 1666 को बिहार के पटना जिले में हुआ था। इनके पिता जी का नाम गुरु तेगबहादुर था जो सिखों के नौवें दसवें गुरु थे। सन् 1699 में गुरु गोबिंद जी ने खालासा पंथ की स्थापना की, उन्होने मुगलो के खिलाफ 14 युद्ध लड़े और अपने परिवार की इन युद्धों मे बलिदान कर दिया।
गुरु गोबिंद जी का जीवन और संदेश लाखों लोगों को ताकत देता है। वह सत्य के पुजारी थे, तभी उन्होंने हमेशा प्रेम आपस मे एकता और परमपिता परमेश्वर की भक्ति का लोगों को संदेश दिया था। गुरु गोविंद साहिब ने 17 वीं शताब्दी में कई ऐसी बातें बताई जो आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके अनमोल वचन कुछ इस प्रकार हैं।
- किसी की चुगली, निंदा न करें और किसी के काम से ईर्ष्या करने से बचें।
-अगर आप केवल अपने भविष्य के ही विषय में सोचते रहें तो आप अपने वर्तमान को भी खो देंगे।
-किसी को भी दिए हुए अपने वचनों का पालन करें और कभी भी वादा करके ना भूलें।
-जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।
-अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं।
-असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो, अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा।
-दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो।
-जिस भी शक्ति या गुरु को मानते हैं उसकी गुरुबानी अपने कंठ में बसा लें।
-भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं।
-हमेशा नशे और तंबाकू के सेवन से दूर रहें।
-अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है।