कोरोना महामारी के कारण जहां इतने लोगों के कारोबार बंद हो गए हैं, जान-माल का नुकसान हुआ वहीं इस बीमारी ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया भी। बटाला के एक परिवार ने कोरोना के दिनों में मोमोज बनाना सीखा, जिससे वो आज अच्छा कारोबार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर की थी पोस्ट
सिमरन कौर ढिल्लौन नाम की लड़की ने बताया है कि उसके माता-पिता जालंधर में रहते हैं। उसकी शादी 3 साल पहले बटाला में हुई थी। मूल रूप से उनके ससुर और ससुराल वाले दोनों दिल्ली के रहने वाले थे लेकिन 7 साल पहले वो बटाला शिफ्ट हो गए। उनका परिवार खाने-पीने का बहुत शौकीन है। दिल्ली में उन्हें मोमोज खाने का बहुत शौक था। जब वह पंजाब आए तो उन्होंने बटाला में विभिन्न स्थानों से मोमोज खरीदे और खाए लेकिन उन्हें दिल्ली का स्वाद नहीं मिला।
कोरोना के दौरान सीखा मोमोज बनाना
सिमरन का कहना है कि कोरोना के दिनों में जब पूरा परिवार बेकार था तो घर में ही खाने के लिए मोमोज बनाने लगे और बार-बार कोशिश करने के बाद उसमें माहिर हो गए। फिर उन्होंने मजाक में इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया। शुरूआत में उनके दोस्तों व पड़ोसियों ने मोमोज ऑर्डर किया।
मजाक में शुरू किया मोमोज का बिजनेस
धीरे-धीरे उन्हें आस-पास के एरिया से आर्डर मिलने लगे और उन्होंने फेसबुक पर "Delhi Wale Momos" के नाम से पेज बनाया, जहां पर उन्हें ढेरों ऑर्डर मिलने लगे। सिमरन का कहना है कि शुरू में उन्हें सीमित ऑर्डर मिलते थे लेकिन अब उनके पास बात करने तक का समय नहीं है। उनका पूरा परिवार एक साथ काम कर रहा है। हालांकि, उनके पति सुरजीत सिंह ईंट, रेत और बजरी का कारोबार करते हैं।
पूरा परिवार करता है एक साथ मेहनत
उनके पति सुरजीत सिंह ने कहा कि वह अपने पत्नी को हर काम के लिए सपोर्ट करते हैं। शुरुआत में उन्होंने अपने लिए मोमोज बनाए थे लेकिन धीरे-धीरे उनका बिजनेस अच्छा चलने लगा। अब उन्हें एक दिन में काफी ऑर्डर मिल जाते हैं। उन्होंने डिलीवरी के लिए भी एक लड़का रखा है।
अब खाना खाने का भी नहीं मिलता समय
उन्हें मोमोज बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन पूरा परिवार एक साथ काम करता है। अब उन्हें इतना भी समय नहीं मिलता कि वो बैठकर बात कर लें या खाना समय पर खाएं।