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इस तरह तैयार की जाती हैं राजस्थानी लाख की चूड़ियां, यहां जानिए इन्हें बनाने का अलग Process

  • Edited By palak,
  • Updated: 18 May, 2023 05:50 PM
इस तरह तैयार की जाती हैं राजस्थानी लाख की चूड़ियां, यहां जानिए इन्हें बनाने का अलग Process

भारत के हर एक शहर का अपना अलग खान-पान और पहनावा होता है। ऐसे ही देश के राज्य राजस्थान अपनी ऐतिहासिक भूमि खान-पान, कला और संस्कृति के लिए पूरे विश्व में फेमस हैं। दूर-दराज से लोग यहां का शाही अंदाज, कल्चर और पुरानी धरोहरें देखने आते हैं। इसके अलावा जहां की एक खासियत यह है कि  यहां पर महिलाएं शादी के बाद लाख की चूड़ियां पहनती हैं। इन चूड़ियों को बनाने का तरीका काफी अलग है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर यह चूड़ियां कैसे तैयार की जाती हैं...

इन देशों में भी हैं काफी फेमस है लाख की चूड़ी 

लाख की चूड़ियां जयपुर, हैदराबाद, बिहार और आंध्र प्रदेश में भी काफी फेमस हैं। परंतु राजस्थान में तो ज्यादातर महिलाएं इस तरह की चूड़ियां ही पहनना पसंद करती हैं। यह चूड़ियां देखने में जितनी सुंदर होती हैं उतना ही इन्हें बनाने के प्रक्रिया भी अलग होता है। 

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इस पेड़ से बनती है चूड़ियां 

यह चूड़ियां लाख के पेड़ से तैयार की जाती हैं। इस पेड़ का उल्लेख पुराणों भी है। अथर्ववेद में लाख के कीड़े उसकी आदतें और उपयोगिता के वर्णन का एक छोटा सा अध्याय भी प्रचलित है। इसके अलावा महाभारत में भी पांडवों को खत्म करने के लिए कौरवों द्वारा बनाए गए लाख महल की कहानी का भी इसमें वर्णन किया गया है। 

पेड़ों को किया जाता है इकट्ठा 

इन चूड़ियों को बनाने के लिए सबसे पहले पेड़ों को इकट्ठा किया जाता है। वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो भारत दुनिया का सबसे ज्यादा लाख पैदा करने वाला देश है। इसके अलावा इस प्रक्रिया में सबसे पहले केरिया नाम के कीड़े में से लाल रंग का रेसिन स्नाव निकलता है जिसको लाख कहते हैं। इसको काफी देर तक धोया जाता है ताकि उसकी सारी गंदगी निकल जाए। 

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काफी देर तकर पिघलाया जाता है लाख 

फिर लाख को काफी देर तक पिघलाया जाता है ताकि उसकी अंदर बची हुई सारी गदंगी निकल जाए। पिघलाने के बाद लाल चटक रंग के लाख के अंदर वैक्स, टाइटेनियम और रंग भी मिलाया जाता है। माना जाता है कि पुराने जयपुर में अभी भी कारगर लाख की चूड़ियां पुराने तरीके से तैयार करते हैं। अगर आप जयपुर में उन जगहों पर जाएंगे जहां चूड़ियां बनती हैं तो वहां आपको एक अजीब से गंद आएगी। यह गंध लाख को पिघलाते समय आती है। माना जाता है कि भगवान शिव और पार्वती की शादी में लखेरा नाम के चूड़ी बनाने वाले एक समुदाय ने मां पार्वती के लिए चूड़ियां तैयार की थी। 

लाख की चूड़ियां बनाने से पहले किया जाता है इसे रोल 

लाख की चूड़ियां बनाते वक्त लाक को पहले रोल किया जाता है। इसके बाद उसे फ्लैट करने के लिए दबाया जाता है। ताकि वह पतला रोल बन सके, बाद में उस लाख को गर्म करके चूड़ी का आकार दिया जाता है। बाद में इसमें सुंदर मोती और पत्थर लगाकर चूड़ी तैयार की जाती है। 

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