कांजीवरम साड़ियां दक्षिण भारतीय दुल्हनों का खास परनावा है। हालांकि दक्षिण भारतीय दुल्हनें साड़ियों की मांग न सिर्फ साउथ में बल्कि पूरे भारत में रहती है। इसे बनाने के लिए बढ़िया क्वालिटी के मलबरी सिल्क का इस्तेमाल किया जाता है। कांजीवरम सिल्क साड़ियां पारंपरिक हाथ की बुनाई से तैयार की जाती हैं, जिसे कोरवई तकनिक भी कहा जाता है। ब्राइट कलर की इन साड़ियों में जरी की बुनाई के लिए असली चांदी एवं सोने का यूज होता है। बता दें कि एक साड़ी तैयार करने में कारीगर को करीब 1 हफ्ते का समय लग जाता है।
रंगों की बात करें तो इनमें ज्यादातर ब्राइट कलर्स ही देखने को मिलते हैं। वहीं, दक्षिण भारतीय दुल्हनें ज्यादातर D-Day के लिए लाल या गोल्डन रंग की साड़ी चुनती हैं। मगर, अब ट्रैंड में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अब आधुनिक दक्षिण भारतीय दुल्हनों ने पारंपरिक शैली की सीमाओं का ऑफबीट रंगों के साथ एक्सपेरिमेंट करना शुरु कर दिया है।
यहां हम आपको कुछ ऐसी रियल ब्राइड्स दिखाएंगे, जिन्होंने अपनी शादी के लिए लाल या गोल्डन नहीं बल्कि डिफरेंट रंग की साड़ी चुनी।
अगर आप भी लाल या गोल्ड कलर की कांजीवरम में देखते-देखते थक गई हैं तो एक बार यहां नजर डालिए।
अपनी शादी के लिए आप इस तरह की डबल टोन कलर वाली साड़ी भी चुन सकती हैं।
शादी में यूनिक लुक के लिए आप बेबी पिंक (Baby Pink) कांजीवरम साड़ी भी चुन सकती हैं।
रानी पिंक (Rani Pink) कांजीवरम साड़ी के बारे में आपका क्या ख्याल है।
अलग आप कुछ अलग रंग चुनना चाहती हैं तो फ़िरोज़ा रंग (Turquoise hue) ट्राई कर सकती हैं।
स्काई ब्लू (Sky Blue) कांजीवरम साड़ी भी दुल्हनों पर खूब फबेगी।