दुनियाभर में तबाही मचा चुका कोरोना वायरस पिछले साल चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था। करीब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी यह वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ बल्कि वैज्ञानिकों को इसकी तीसरी लहर आने की आंशका है। इसी बीच, वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों से एक नया वायरस मिलने का दावा किया है, जोकि काफी हद तक कोरोना वायरस की तरह ही है।
चमगादड़ों में मिला नया वायरस
दरअसल, चीनी वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों की राइनोलोफिड प्रजाति में एक वायरस की पहचान की है, जोकि नोवेल सार्स-सीओवी-2 से संबंधित है। इस खबर के बाद लोगों में एक बार फिर डर का माहौल है कि कहीं ये भी कोरोना की तरह तेजी से फैलकर लोगों को संक्रमित ना कर दें।
कई सैंपलों का किया गया अध्ययन
बता दें कि चीन के वैज्ञानिकों ने मई 2019 से नवंबर 2020 के बीच जंगली चमगादड़ों की 23 प्रजातियों से मल-मूत्र और स्वाब के 411 सैंपल लिए थे। अध्ययन के दौरान इनमें कोरोना वायरस की पहचान की है।
सार्स-सीओवी-2 की तरह ही हैं नए वायरस
अध्ययन के मुताबिक, इनमें से 4 वायरस सार्स-सीओवी-2 से मेल खाते हैं, जिनका आनुवंशिक गठन भी सार्स-सीओवी-2 की तरह ही है। बता दें कि दुनियाभर में फैले कोविड-19 का कारक सार्स-सीओवी-2 ही है। हालांकि कोविड-19 के कारक और नए वायरस सैंपल में एक अंतर देखा गया कि ये स्पाइक प्रोटीन की बजाए कोशिकाओं में संलग्न होने के लिए नॉब जैसी संरचना का इस्तेमाल करते हैं।
चमगादड़ों से फैलते हैं कई तरह के संक्रमण
वैज्ञानिकों ने बताया कि चमगादड़ों से ही अब तक सार्स-सीओवी-2 से संबंधित कई वायरस फैल चुके हैं। इनका असर चमगादड़ों की आबादी वाले क्षेत्रों में अधिक होता है। चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस तमाम गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि - हेंड्रा, मारबर्ग, इबोला और कोरोना वायरस।
शोधकर्ताओं ने अलर्ट रहने को कहा
राइनोलोफिड प्रजाति से मिले इस नए वायरस के बाद वैज्ञानिकों ने लोगों को गंभीरता से सतर्क रहने की सलाह दी है। कोविड-19 और नए वायरस के जीन सैंपल में काफी समानता है लेकिन वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए कि ये कितना गंभीर है।