प्रेगनेंसी के 9 महीने महिला के जीवन का सबसे हसीन पल होते है। गर्भावस्था का पता चलते ही कोई भी महिला खुशी से झूम उठती है। मगर, इस दौरान महिला को सौंदर्य से जुड़ी रूटीन में अनेक बदलाव करने पड़ते हैं क्योंकि अब उसे गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना पड़ता है। वहीं, इस दौरान महिलाओं को कील-मुहांसे, दाग-धब्बे, खाज-खुजली जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट की मानें तो प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव की वजह से स्किन के लिए उपयोग किए जाने वाले सौंदर्य प्रसाधन भ्रूण के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं। चलिए मशहूर ब्यूटीशियन शहनाज हुसैन से जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान आपको किनच प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
शिशु के लिए क्यों हानिकारक प्रोडक्ट्स?
गर्भवती महिलाओं के लिए सौंदर्य प्रसाधनों का नियमित उपयोग शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। दरअसल, डाक्टरों का मानना है कि कुछ सौंदर्य प्रसाधनों को त्वचा सोखकर गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंच देती है। वहीं, कुछ प्रोडक्ट्स खून में प्रवेश कर जाते हैं और गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचाते हैं। यही स्थिति नवजात दूध पीते बच्चे पर भी लागू होती है। इससे स्किन एलर्जी तथा त्वचा से जुड़े रोग हो सकते हैं जिनके उपचार के लिए दवाईयों या स्टेरायड का यूज करना पड़ सकता है जोकि शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
ऐसे प्रोडक्ट्स से रहें दूर
हालांकि प्रेगनेंसी में त्वचा, बनावट व सेंसटिविटी के हिसाब से रिएक्ट करती हैं लेकिन भी कुछ प्रोडक्ट्स से परहेज करना ही बेहतर होगा।
केमिकल्स युक्त प्रोडक्ट्स
प्रेगनेंसी में महिलाओं को रसायनिक पदार्थों से बने प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि इसके केमिकल्स खोपड़ी के pH संतुलन को बिगाड़ देते हैं। केमिकल्स युक्त प्रोडक्ट्स से त्वचा पर खाज-खुजली, कील-मुहांसे और एक्ने हो सकते हैं। वहीं, केमिकल्स रक्त के माध्यम से शिशु तक पहुंच जाते हैं।
इत्र-डियोडरेंट से परहेज
प्रेगनेंसी में इत्र, डियोडरेंट तथा परफ्यूम के इस्तेमाल से परहेज करें क्योंकि यह ज्यादातर रसायनिक तत्वों से बने होते हैं। यह आन्तरिक नसों/तंत्रिक प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें पैट्रोलियम से उत्पन्न किए गए ऑयल का इस्तेमाल होता है, जिससे एलर्जी, चिड़चिड़ापन, खाज-खुजली हो सकती है।
पुदीने का तेल
गर्भावस्था के आखिरी महीनों में कपूर, पिपरमिंट, पुदीना तेल के प्रयोग से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा रहता है।
पारा युक्त प्रोडक्ट्स
गर्भवती महिलाओं को पारा (मरकरी) युक्त प्रोडक्ट्स से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि पारा ब्लीचिंग एजेंट की तरह कार्य करता है, जिससे त्वचा व आन्तरिक अंग प्रभावित हो सकते हैं।
हाइड्रोजन पैराऑक्साइड ब्लीच
गर्भवती महिलाओं को हाइड्रोजन पैराऑक्साइड से बनी रसायनिक ब्लीच से भी परहेज करना चाहिए
अमोनिया हेयर डाई
महिलाओं को प्रेगनेंसी में रसायनिक पदार्थों से बनी डाई से बालों को रंगने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनमें मौजूद अमोनिया बालों तथा स्कैल्प को नुकसान पहुंचा सकता है।
नेचुरल तरीके से निखारें त्वचा
एलोवेरा जेल
प्रेगनेंसी में स्किनल के लिए आप एलोवेरा, शहद, फूल, खजूर आदि से बने प्रकृतिक तेलों का यूज कर सकते हैं, जो त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं। एलोवेरा जैल तथा जूस त्वचा को मुलायम व कोमल बनाए रखने में मददगार है, जिसे आप सीधा लगा सकती हैं।
केसर-हल्दी
महिलाओं को केसर, हल्दी, बादाम, ब्लूबेरी, गाजर, सीप मोती जैसे प्रकृतिक पदार्थों से बने प्रोडक्ट्स का यूज करना चाहिए।
नींबू -दही
आप निखार के लिए नींबू, हल्दी, पपीता, दही, खीरा आदि प्रकृतिक पदार्थों से बने सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करना चाहिए।