कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो सिर्फ व्यस्कों ही नहीं बल्कि बच्चों को भी हो सकती है। बच्चों को आंखों का कैंसर हो सकता है। इस कैंसर के कारण बच्चा हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है। मेडिकल भाषा में इस कैंसर को रेटिनाब्लास्टोमा कहते हैं क्योंकि यह आंखों की रेटिना में ही बनता है। एक 5 महीने का बेनी(Benny) नाम का बच्चे इस खतरनाक कैंसर का शिकार हो चुका है। इस बच्चे की मां ने बताया कि जब बेनी की आंख काली दिखने लगी बाद में इलाज करवाने पर पता चला कि उसे रेटिनाब्लास्टोमा नाम की बीमारी है। उसका पूरा इलाज करवाके पेरेंट्स ने बेनी को ठीक करवाया है लेकिन यह बीमारी बच्चों को कैसे होती है और इसके उनमें क्या लक्षण दिखते हैं। आज आपको इसके बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं....
क्या होता है रेटिनाब्लास्टोमा?
यह कैंसर 5 साल की कम उम्र के बच्चों में देखने को मिलता है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस कैंसर के हर साल 4000 से 5000 नए मामले बच्चों में सामने आते हैं जिनमें से 1500 मामले भारतीय बच्चों के होते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि पेट में पल रहे बच्चों में कुछ न्यूट्रिएंट्स की कमी के कारण यह बीमारी होती है वहीं यदि इस बीमारी का पता चल जाए तो समय पर उनका इलाज कर पाना मुमकिन होता है। आपको बता दें कि यह एक तरह का ट्यूमर होता है जो आंखों से बाहर फैल जाता है और शरीर के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले सकता है। यह दिमाग और हड्डियों को भी प्रभावित कर सकता है क्योंकि रेटिनाब्लास्टोमा ज्यादातर बच्चों में ही होता है इसलिए इसके लक्षण पहचान पाना मुश्किल होता है।
लक्षण
शुरुआत में इसके लक्षण पता नहीं चलते फिर भी कुछ संकेतों के जरिए बच्चों में इसकी पहचान की जा सकती है।
. आंखों में सफेद चमक
. रंग की पहचान नहीं कर पाना
. आंखों को फड़काना
. आंखों के सफेद हिस्से में रेडनेस होना
. आंखों की रोशनी कमजोर होना
. आंखों में दर्द या फिर सूजन होना
. भैंगापन
कैसे करवाएं इलाज?
यदि आपको बच्चों में इनमें से कोई भी लक्षण दिखता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एमआरआई और अल्ट्रासाउंड टेस्ट के बाद इसकी पहचान की जा सकती है। डॉक्टर अपने अनुसार, ही बच्चे का इलाज करते हैं। इसके अलावा रेटिनाब्लास्टोमा को जड़ से खत्म करने के लिए कैंसर रोधी दवाईयां भी चलती रहती हैं।