कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए दुनियाभर की उम्मीदें वैक्सीन पर टिकी हुई है। हर व्यक्ति मुंह से मास्क हटाकर खुली हवा में सांस लेना चाहता है। इसी बीच बायोटेक कंपनी मॉडर्ना (Moderna) की ओर से एक खुशखबरी आई है। दरअसल, कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन कोरोना से लड़ने में 94.5% तक कारगर है।
बड़े पैमाने पर किया मॉडर्ना ने परीक्षण
बायोटेक ने वैक्सीन का परीक्षण बड़े पैमाने पर किया गया है, जिसमें 30 हजार से अधिक वॉलनटिअर्स ने हिस्सा लिया था। परीक्षण के दौरान आधे लोगों को 28 दिन तक वैक्सीन की डोर दी गई थी। वहीं आधे लोगों को उसी दौरान प्लेसिबो (नकली वैक्सीन) के दो डोज दिए गए थे। क्लीनिकल ट्रायल के विश्लेषण के आधार पर कंपनी ने कहा कि उनकी वैक्सीन ने 94.5% तक असर दिखाया।
कंपनी को वैक्सीन की क्षमता पर पूरा भरोसा
स्वतंत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन द्वारा नियुक्त डेटा सेफ्टी नॉनेटरिंग बोर्ड के मुताबिक भी कंपनी की वैक्सीन 94.5% तक असरदार साबित हो रही है। मॉडर्ना के चीफ ने कहा कि हमारी स्टडी के मुताबिक यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण को रोक सकती है, जिसमें गंभीर लक्षण भी शामिल है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मॉडर्ना भी इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) के लिए ऐप्लीकेशन सब्मिट कर सकती है। उन्हें आशा है कि उनकी वैक्सीन इलाज की क्षमता और सुरक्षा के सभी नियमों पर खरी उतरेगी।
दिसंबर के अंत तक अमेरिका में 2 वैक्सीन
वहीं, इससे पहले अमेरिका की कंपनी फाइजर ने भी दावा किया था कि उनकी वैक्सीन 90% तक कारगार रही है। खबरों के मुताबिक, अमेरिका दिसंबर के अंत तक कोरोना की दो वैक्सीन उपलब्ध करवा सकता है। इसके अलावा भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन का भी आखिरी ट्रायल चल रहा है। उन्होंने भी दिसंबर तक वैक्सीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है।
भारत में कोरोना वैक्सीन कब तक?
भारत को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के 10 करोड़ डोज मिल सकते हैं, जो दिसंबर तक भारत में आ जाएंगे। SII के सीईओ ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद साल 2021 तक भारत और WHO की समर्थित संस्था कोवैक्स को 50-50 के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी। सीरम कंपनी ने 5 डिवेलपर्स के साथ अनुबंध किया था, जिसके बाद एस्ट्राजेनेका ने 40 मिलियन डोज तैयार कर ली है।