हिन्दू धर्म में 'मकर संक्रांति' का पावन का बहुत ही खुशी से मनाया जाता है। माघ महीने में आने वाले इस त्योहार में सूर्य देव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दौरान सूर्य धनु राशि से मकर में जाता है। इसके अलावा सूर्य दक्षिण दिशा से उत्तर की तरफ बढ़ता हैं। ऐसे में मौसम में बदलाव आने से ठंड कम होने लगती है। भारत में अलग-अलग शहरों में इस दिन को विभिन्न नाम व अलग तरीके से मनाया जाता है। ऐसे में यह त्योहार 'अनेकता में एकता' का प्रतीक है। तो आइए जानते हैं 'मकर संक्रांति' का त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में मनाने की मान्यताओं के बारे में...
पंजाब
मकर संक्रांति का त्योहार पंजाब में 'माघी' नाम से प्रचलित है। लोग इस शुभ दिन की शुरूआत नदियों में स्नान करके करते हैं। तिल के तेल का दीपक जलाकर सूर्य देव की पूजा की जाती है। खासतौर पर घरों खीर, खिचड़ी, मक्की की रोटी और सरसों का साग बनाया जाता है। माघी की रात को ‘लोहड़ी’ कहा जाता है। ऐसे में लोग रातभर तिल व गुड़ से तैयार गचक खाने के साथ भांगड़ा व गिद्दा करते हैं। कहा जाता है कि लोहड़ी के बाद ठंड में कमी आने से दिन बड़े और राते छोटी होने लगती है।
नेपाल
नेपाल में इस त्योहार को संवत कैलेंडर के मुताबिक माघ के पहले दिन मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपनी दिशा बदलता है। ऐसे में इन शुभ दिन पर लोग धार्मिक मान्यताओं को मानते हुए नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही यहां पर मिठाई के रूप में खासतौर पर शकरकंद बांटी जाती है। इसके अलावा नेपाल के लोग मकर संक्रांति के दिन शीशम का दान करते हैं।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
यहां पर यह पावन त्योहार पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है। इन दौरान यज्ञ किया जाता है। इसे शुद्धिकरण और बदलाव का प्रतीक कहा जाता है। घर के सभी छोटे बच्चों को अच्छाई के रास्ते पर ले जाने के लिए पूजा होती है। इसके साथ ही मकर संक्रांति में पूर्वजों को याद पर पूजा-पाठ करने के साथ मिठाई, कपड़े, पैसे आदि का दान किया जाता है।
बिहार और झारखंड
यहां पर लोग नदियों में स्न्नान करके अपने दिन की शुरूआत करते हैं। फिर तिल और गुड़ से तैयार बर्फी खाकर एक-दूसरे को बधाई देते है। साथ ही लोग घरों पर खासतौर पर खिचड़ी, दही-चुड़ा, लिट्टी चोखा आदि बनाते है।
दिल्ली और हरियाणा
इन जगहों पर जाट, यादव व अन्य ग्रामीण लोग इस त्योहार को मनाते हैं। लोग इस दिन घी का चूरमा, खीर व हलवा बनाकर खाते हैं। इसके साथ ही भाई अपनी बहन के घर पर उपहार लेकर जाता है।
गुजरात
गुजरात में मकर संक्रांति को ‘उत्तरायण‘ नाम से जाना जाता है। यहां पर इसे जनवरी की 14 और 15 तारीख यानी दो दिनों तक मनाया जाता है। लोग 14 तारीख को मनाई जाने वाली मकर संक्रांति को ‘उत्तरायन‘ और 15 तारीख को ‘बासी उत्तरायन’ के नाम से मशहूर है। इस दिन लोग खासतौर पतंग उड़ाने के साथ उंधियू, तिल चिक्की और लड्डू खाने का मजा लेते हैं।
महाराष्ट्र और गोवा
मकर संक्रांति के दिन महाराष्ट्र व गोवा के लोग तिल और गुड़ से लड्डू बनाकर खाते व बांटते हैं। लोगों के घर पूरण पोली भी खासतौर पर बनाई जाती है। इसके अलावा लोग हल्दी व कुमकुम एक-दूसरे के माथे पर लगाकर इस त्योहार को मनाते हैं।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में मकर संक्रांति को ‘साजी‘ के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पक्षी पहाड़ों पर लौटना शुरू हो जाते हैं। इस शुभ दिन पर लोग नाचते, खाते व खिचड़ी खाकर मनाते हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तरप्रदेश में इस दिन का स्वागत करने के लिए लोग उपवास रखते हैं। फिर वाराणसी और इलाहबाद की पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं। माना जाता है कि हर साल इन नदियों में करीब 20 लाख लोग स्नान करने जाते हैं। उसके बाद वे तिल व गुड़ से लड्डू बनाकर खाते हैं। नए-नए कपड़े पहन कर पूजा-पाठ करने के बाद छतों पर पतंग उड़ाने का मजा लेते हैं।
राजस्थान
राजस्थान में इसे मारवाड़ी भाषा में इसे ‘मकर संक्रांत’ या ‘संक्रांत’ के कहा जाता है। इस खास दिन पर लोग फीनी, तिल पापड़ी, गजक, घेवर, खीर, वड़ा, पकोड़ी और तिल-लड्डू खिलाकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं। लोग पतंग उड़ाने का भी मजा लेते हैं। मकर संक्रांति के शुभ दिन पर खासतौर पर घर की बेटी व उसके ससुरालवालों को भोजन के लिए बुलाया जाता है। इसके अलावा गरीबों व जरूरतमंदों को दान दिया जाता है।
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