नारी डेस्क: हमारे देश में बहुत बड़े-बड़े दानवीर हैं, कुछ तो अपने लीवर और किडनी तक दान कर चुके हैं। हमने कई बार सुना है कि एक इंसान ने अपना लीवर देकर दूसरे की जान बचा ली। पर क्या आपको इसके बारे में पूरी जानकारी है कि लीवर का दान कौन कर सकता है और इसे लेकर क्या नियम हैं? लिवर दान (लिवर ट्रांसप्लांट) करने के लिए कुछ आवश्यक मानदंड होते हैं जिन्हें पूरा करना जरूरी है। लिवर का हिस्सा दान करने के लिए कुछ खास शर्तें होती हैं और इसका निर्णय मेडिकल चेकअप के बाद ही लिया जाता है। आज जानते हैं इस पूरे प्रोसेस के बारे में
कौन कर सकता है लिवर दान?
लिवर दान करने वाले व्यक्ति की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। विशेष रूप से लिवर, किडनी, दिल और फेफड़ों में कोई गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। दाता और प्राप्तकर्ता के ब्लड ग्रुप का मिलना आवश्यक है। दाता का बीएमआई भी सामान्य होना चाहिए; अत्यधिक मोटापे या अत्यधिक पतले लोगों का लिवर दान के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। दानकर्ता को शराब और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए, या फिर उसकी मात्रा बेहद सीमित होनी चाहिए।
किस उम्र तक कर सकते हैं लिवर दान?
आमतौर पर, 18 से 60 वर्ष की आयु तक के लोग लिवर दान कर सकते हैं। इसके बाद, लिवर की कार्यक्षमता और शारीरिक स्वास्थ्य में बदलाव आने लगते हैं जिससे जोखिम बढ़ सकता है।
दान के बाद शरीर में क्या होता है फर्क?
लिवर एकमात्र ऐसा अंग है जो अपनी सामान्य स्थिति में वापस उग सकता है। लिवर दान करने के 3-6 महीनों में वह अपने आकार में बढ़ जाता है। कुछ दिनों तक शरीर में कमजोरी और हल्का दर्द महसूस हो सकता है। दान के बाद दो-तीन हफ्तों तक आराम की जरूरत होती है। लिवर के पुनर्निर्माण में समय लगता है, इसलिए दानकर्ता को संतुलित आहार, कम वसा, और कम शराब का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर दानकर्ता के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक असर नहीं होता, लेकिन नियमित मेडिकल चेकअप की सलाह दी जाती है।
लिवर दान एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और इसे करने से पहले सभी मेडिकल जांच और डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।