सुहानी भटनागर, रितुराज सिंह के बाद बॉलीवुड में एक ओर बुरी खबर ने बी-टाउन को हिलाकर रख दिया है। अपनी गजलों से फैंस का दिल जीतने वाले पंकज उधास, आज सबको उदास कर गए हैं। उनकी बेटी नायाब उधास ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी। खबरें कह रही हैं कि वह पिछले काफी समय से बीमार थे और कैंसर की चपेट में थे। वह पिछले 10 दिन से अस्पताल में एडमिट थी, जहां उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अपने गानों और गजलों से सबका दिल जीत लेने वाले पंकज उधास ने अपने करियर में कई पॉपुलर गाने गाए हैं लेकिन एक गाने ने उनकी जिंदगी बदल दी थी जिसकी बदौलत पंकज उधास को पैसा शौहरत सब मिला। चलिए आज आपको उनकी जिंदगी की कुछ खास बातें बताते हैं। पंकज उधास गुजरात के राजकोट के एक जमींदार परिवार से थे। उनके दादा अपने गांव के पहले ग्रेजुएट थे। वहीं पंकज के पूर्वजों में तो कोई दूर-दूर तक गाने बजाने से ताल्लुक नहीं रखता था लेकिन पंकज खुद अव्वल दर्जे के गायक बने और पद्मश्री जैसे बड़े पुरस्कारों से नवाजे गए। उनके गायक बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है।
जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे पंकज उधास
15 मई, 1951 को गुजरात के एक जमींदार परिवार में पैदा हुए पंकज के दादा, भावनगर स्टेट के महाराजा के डिप्टी दीवान थे। इसी वजह से पंकज के पिता अक्सर महाराजा के महल में जाया करते थे। उनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी नौकरी करते थे। पंकज उधास 3 भाइयों में सबसे छोटे थे। पंकज उधास के भाई निर्मल उधास और मनहर उधास भी मशहूर गायक हैं और तीनों भाइयों के गायक बनने के पीछे पेरेंट्स का शौक रहा है।
एक इंटरव्यू में पंकज उधास ने बताया था कि उनके पिता महल में जाते रहते थे। महल में ही उनकी मुलाकात उस जमाने के मशहूर बीनकार अब्दुल करीम खां से हुई। खां साहब बीन बजाया करते थे। पंकज के पिता ने बीनकार से जिद की वह भी बीन बजाना सीखना चाहते हैं हालांकि करीम खां ने उन्हें मना कर दिया था कि वह दीवान के बेटे हैं, इसलिए उनके लिए ये सब सीखना आसान नहीं होगा लेकिन वह नहीं माने। अंतत: उन्होंने खां साहब से दिलरुबा बजाना सीखा। वह घर आकर भी दिलरुबा बजाया करते थे। उसकी आवाज पंकज को भी खूब भाती थी। हालांकि उस समय उनकी म्यूजिक में कोई रूचि नहीं थी। वह उस समय 6-7 साल के थे लेकिन पंकज की मां की आवाज सुरीली थी। वह भी घर के कार्यक्रमों में गाया करती थी। इस तरह पंकज और उनके भाइयों का रूझान भी संगीत से हो गया।
इंटरव्यू में पंकज ने बताया था कि, “वालिद साहब जो साज बजाते थे, हम उसे उत्सुकतापूर्वक सुना करते थे। हम सोचते थे कि ये कैसे बजता है। मुझे लगता है वहीं से मेरी शुरुआत हुई। मेरे दो बड़े भाई हैं। मनहर और निर्मल। मनहर मुझसे आठ साल बड़े। पहले वह स्कूल में गाते थे। बाद में लोकल लेवल पर गाने लगे। हमारा बचपन राजकोट में गुजरा। वह राजकोट में गाते थे। हम देखने जाते थे। वह एक माहौल था म्यूजिक था। उस माहौल ने कहीं न कहीं हमें मुतअस्सिर किया।”
पंकज का शुरुआती जीवन भावनगर में बीता और उसके बाद उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया था। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बैचलर की डिग्री। साथ ही मास्टर नवरंग से इंडियन क्लासिकल की ट्रेनिंग ली। पंकज ने गुलाम कादर खान से 13 साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया और बाद में मुंबई में मास्टर नवरंग के शगिर्द बने।
ऐसे हुई थी संगीत में करियर की शुरुआत
इसी तरह उन्हें बॉलीवुड में पहला ब्रेक 1971 में ही मिल गया था। तब उन्हें ‘कामना’ फिल्म में गाने का मौका मिला था लेकिन फिर दूसरा मौका पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े। वह समझ गए थे कि बॉलीवुड में टिकना आसान नहीं है इसलिए उन्होंने फैसला लिया था कि वह केवल गजलों पर ही ध्यान देंगे। उन्होंने उर्दु भी सीखी लेकिन उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद वह केनेडा चले गए और वहां जाकर छोटी-मोटी गजल गाने लगे। कुछ सालों बाद जब वह भारत वापिस आए तो उन्होंने पहला गजल एल्बम ''आहट'' 1980 में रिलीज किया। इस एलबम ने उनकी जिंदगी बदल थी। 2011 तक उनकी 100 से ज्यादा गजल एल्बम मार्केट में छा गईं। इस दौरान उन्हें बेशुमार अवार्ड से नवाजा गया। इसी बीच साल 1986 में उन्हें एक फिल्म में गाने का मौका मिला था। "चिट्ठी आई है" गाया था, जो हिट हो गया था। संजे दत्त पर फिल्माए इस गीत ने पंकज उधास की जिंदगी ही बदल गई इस गाने ने उन्हें कई हिंदी फिल्मों में गाने का मौका दिया।
एयर होस्टेस से हुआ था पंकज उधास को प्यार
पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने अलग धर्म की लड़की से प्यार किया और उस प्यार को निभाया भी। एयर होस्टेस फरीदा के प्यार में पड़े पंकज उधास की लव-स्टोरी भी बहुत फिल्मी थी। 70 के दशक में गजल गायक के प्यार की शुरुआत उस समय पर हुई थी, जब वह कॉलेज कर रहे थे और उनकी पत्नी फरीदा एक एयर होस्टेस थीं।
पंकज उधास ने पहली बार फरीदा को पड़ोसी के घर पर देखा था। पड़ोसी ने ही का एक-दूसरे से परिचय करवाया और फिर दोनों का प्यार परवान चढ़ा लेकिन फैमिली उनकी शादी के लिए राजी नहीं थी। पंकज की फैमिली तो राजी थी लेकिन फरीदा के परिवार वाले अपनी कम्युनिटी के बाहर शादी नहीं करना चाहते थे लेकिन जैसे तैसे एयर होस्टेस फरीदा के रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर पिता को पंकज उधास ने मना ही लिया और दोनों की शादी हो गई। पंकज उधास और फरीदा ने ये पहले ही डिसाइड कर लिया था कि अगर उनकी शादी होगी, तो वह दोनों के माता-पिता के आशीर्वाद के साथ ही होगी।
पंकज उधास अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए हैं। उनके पीछे परिवार में पत्नी फरीदा उधास और दो बेटियां नायाब उधास और रिवा उधास हैं।
पीछे छोड़ गए 25 करोड़ की संपत्ति
रिपोर्ट अनुसार, पंकज उदास के पास 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। उनका मुंबई में एक आलीशान घर भी है। पंकज उधास फिल्मों- इवेंट्स में सिंगिंग के अलावा यूट्यूब से भी पैसे कमाते थे। इस उम्र में भी वो कई बार लाइव शो किया करते थे। पंकज उधास की कौन सी गजल और गाना आपका फेवरेट रहा है हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।