करवा चौथ का त्योहार सभी शादीशुदा महिलाओं के लिए बेहद अहम होता है। सभी महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। कहा जाता है कि महिलाओं का श्रृंगार बिना मेहंदी के अधूरा रहता है, लेकिन इस बीच सवाल यह है कि क्या प्रेग्नेंट महिला को मेहंदी लगानी चाहिए या नहीं। अधिकतर लोग प्रेग्नेंट महिला को मेहंदी ना लगवाने की सलाह देते है। चलिए आज के लेख में बताते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मेहंदी सुरक्षित है या नहीं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट की मानें तो आप गर्भावस्था में मेहंदी लगा तो सकती हैं, लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। केमिकल वाली कोई भी मेहंदी गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकती है, इसकी जगह नेचुरल मेहंदी लगाई जा सकती है। इससे उनका शौक भी पूरा हो जाएगा और कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होगा। कहा जाता है कि मार्केट में मिलने वाली मेहंदी में केमिकल्स मिलाए जाते हैं जो भ्रूण में पल रहे शिशु के लिए सही नहीं है।
मेहंदी लगाने से क्या हो सकता है नुक्सान
. हाइपरबिलिरूबिनिमिया (खून में बिल्रूबिन की मात्रा बढ़ना)
. शरीर में ग्लूकोज-6 फास्फेट डिहाइड्रोजेनेस एंजाइम की कमी
. एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी
. खून या इम्यून सिस्टम से संबंधी समस्या होना।
घर पर मेहंदी लगाने का तरीका
मार्कीट से लाई गई मेहंदी की बजाय मेहंदी पाउडर को ही घर में तैयार कर लें। इसके लिए सबसे पहले मेहंदी पाउडर को छान लें। इसमें नींबू का रस, चुटकीभर चीनी, पिसी हुई लोंग, ईथर का तेल, कड़क चाय या कॉफी को मिला लें। ईथर का तेल डालने से पहले सुनिश्चित कर लें कि ये तेल प्रेग्नेंसी में फायदेमंद है या नहीं। हो सके तो इस पेस्ट को रातभर लोहे के बर्तन में ढंककर रख दें और सुबह लगाएं।
कैसे पहचानें कि मेहंदी है नकली?
. शुद्ध मेहंदी का रंग इससे लाल, नारंगी, भूरा, कॉफी या चॉकलेटी आता है।
. अगर मेहंदी काली चढ़े तो समझ लें कि उसमें केमिकल्स हैं।
. नेचुरल मेहंदी का रंग 1 से 4 हफ्तों के बीच फीका पड़ता है जबकि केमिकल्स वाली मेहदी जल्दी निकलना शुरू हो जाती है।