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छठ पूजा: पानी वाली जगहों पर कोरोना का अधिक खतरा, सरकार ने लगाया बैन

  • Edited By Bhawna sharma,
  • Updated: 17 Nov, 2020 04:24 PM
छठ पूजा: पानी वाली जगहों पर कोरोना का अधिक खतरा, सरकार ने लगाया बैन

भारत में छठ पूजा का पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और सूर्यदेव की उपासना करती हैं। मान्यता के अनुसार, सूर्यदेव की अराधना करने से छठ माई प्रसन्न होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस साल यह पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश और नेपाल का मधेश क्षेत्र में इस त्यौहार को काफी महत्व दिया जाता है।

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झारखंड सरकार ने लगाई रोक

हालांकि कोरोना महामारी के संकट को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने राज्य में नदियों और तालाबों के तट पर होने वाली छठ पूजा पर रोक लगा दी है। इसके अलावा इस मौके पर होने वाले संगीत कार्यक्रम के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दरअसल, पानी के माध्यम से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के कारण ये रोक लगाई गई है। इसे लेकर सरकार की तरफ से निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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पानी से कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा 

सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि बड़ी संख्या में लोग नदी, तालाब और दूसरे जल स्त्रोतों पर इकट्ठा होते हैं और सूर्योदय तथा सूर्यास्त होने पर स्नान करते हैं। ऐसे में कोरोना के फैलने का डर ज्यादा है। इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा पर होने वाले आयोजन पर रोक लगा दी है। इसके अलावा नदी, तालाब के आसपास लगी दुकानें, स्टाल, सजावट की दुकानें और पटाखे जलाने पर भी मनाही कर दी गई है। 

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यहां जानें छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

नहाय खाय 18 नवंबर, खरना 19 नवंबर, संध्या अर्घ्य 20 नवंबर और उषा अर्घ्‍य 21 नवंबर के दिन इस पर्व का समापन होगा। 4 दिनों लोग कड़े नियमों के साथ इस व्रत का पालन करेंगे।

छठ पूजा के दिन सूर्योदय - 06:48

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त - 17:26

षष्ठी तिथि आरंभ - 21:58 (19 नवंबर 2020)

षष्ठी तिथि समाप्त - 21:29 (20 नवंबर 2020)

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