भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन उसी के साथ देश में कई तरह की अफवाहें भी फैल रही है। दरअसल, देश में लोगों के जहन में बैठ गया है कि कोरोना टेस्टिंग के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। लोगों को लग रहा है कि कोरोना इलाज के बहाने डॉक्टर इंसानी अंगों की तस्करी कर रहे हैं। वहीं, पंजाब के साथ कई शहरों में लोग टेस्ट करवाने से डर रहे हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले
पंजाब में फैली अफवाह के मुताबिक, कोविड-19 के बहाने लोगों को मारा जा रहा, जिसके लिए वायरस बस एक बहाना है। यही नहीं, इस डर के चलते कोविड-19 का टेस्ट या इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर ईंट पत्थरों से हमले किए जा रहे हैं। ऐसी अफवाहों को बढ़ावा इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक ने दिया है।
सरकार की कोशिशों पर बुरा असर
हालांकि सरकार जागरूकता फैलाने के लिए कई वीडियो व कैंपेन चलाने की तैयारी की जा रही है। मगर, ऐसी अफवाहें कोरोना के इलाज में बाधा पैदा कर रही हैं। ऐसी अफवाहों के कारण टेस्टिंग में देरी हो रही हैं और इसके कारण अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। यही नहीं, देश में तो पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का कहना है कि ये सभी बातें झूठी हैं। कोरोना से मरने वालों को किसी को छूने की इजाजत नहीं होती, फिर अंग निकालने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
कोविड-19 से संबंधित सूचनाएं
लोगों का कहना है कि पहले सिर्फ बूढ़े लोग ही कोरोना से मर रहे थे लेकिन अब युवा भी मर रहे हैं। ऐसे कैसे हो सकता है। ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि डॉक्टर शवों की अदला बदली कर रहे थे। एक परिवार में मौत किसी बूढ़े व्यक्ति की हुई थी लेकिन उन्हें लाश युवा महिला की दी गई। ऐसे में लोग भरोसा कैसे करेंगे। हालांकि शवों की अदला-बदली सिर्फ किसी की गलती है ना कि इंसानी अंगों की तस्करी का मामला।
पहले भी फैल चुकी हैं ऐसी अफवाहें
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक अरविंदर गिल का कहना है कि लोगों ने पोलियो और रूबेला वैक्सीनेशन के दौरान भी ऐसी ही अफवाहें फैलाई थी। यहां तक कि कई लोगों ने तो वैक्सीनेशन यह कहकर लेने से मना कर दिया था कि इससे बुखार होगा या यह घातक साबित हो सकती है।
खतरनाक साबित हो सकती हैं ऐसी अफवाहें
डॉ. गिल के मुताबिक, कोरोना काल में ऐसी अफवाहें खतरनाक साबित हो सकती हैं क्योंकि इससे लोगों को पता नहीं चलेगा कि वो संक्रमित है। इससे वो इधर-उधर घूमेंगे और ज्यादा लोगों को संक्रमित करेंगे। वहीं, इससे उनकी सेहत पर भी असर पड़ेगा और बाद में शायद डॉक्टर भी उनकी मदद ना कर पाएं।
क्या करें?
अगर इन अफवाहों का शिकार होकर आप भी हॉस्पिटल जाने से डर रहे हैं तो परेशान न हो। अगर कोरोना जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो पहले खुद को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन करें और फोन पर डॉक्टर से सलाह लें। अगर 14 दिन बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता तो डॉक्टर के पास जाना ही आपको लिए बेहतर होगा।