नारी डेस्क: प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। 9 महीने के दौरान उसे कई तरह के अलग अलग अनुभव महसूस होते हैं जो अच्छे भी हो सकते हैं और कुछ गौर करने वाले भी। जैसे इस दौरान कुछ गर्भवती महिलाओं को ब्राउन डिस्चार्ज होने लगता है। ये एक आम समस्या है उन महिलाओं के लिए जो गर्भवती हैं। अक्सर महिलाएं ब्राउन डिस्चार्ज को देखकर डर जाती है और समझ ही नहीं पाती है कि अचानक से ये क्यों हो रहा है। चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा कब और किस वजह से होता है।
तकरीबन 30 प्रतिशत महिलाएं प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के दौरान हल्की ब्लीडिंग की समस्या से गुजरती है। ब्लीडिंग बहुत ज्यादा है या फिर कम भी है तो भी डॉक्टर के पास जरूर जाँच करवानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये प्रेगनेंसी में कॉम्पिलिकेशन की वजह भी बन सकती है। ब्राउन डिस्चार्ज होने के भी बहुत से कारण हो सकते हैं। चलिए उन्हीं के बारे में आपको बताते हैं-
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज की वजह
इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग
ब्राउन या भूरे रंग का डिस्चार्ज का मतलब हैं आपके यूट्रस में जमा पुराना रक्त डिस्चार्ज हो रहा है। इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग भी कहते हैं। जब भ्रूण इम्प्लांट होता है तो हल्की सी ब्लीडिंग हो सकती हैं। इंप्लांटेशन होने में 6 से 12 दिनों तक का वक्त लगता है। फिर भी आप अपनी डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं।
मिसकैरेज
वजाइना से ब्लीडिंग होना मिसकैरेज का संकेत भी हो सकता है इसलिए अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा है तो बिना देरी किए चेकअप करवाएं।
संक्रमण
प्रेग्नेंसी के दौरान प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरियल इंफेक्शन खतरा ज्यादा रहता है। इस वजह से भी ब्राउन डिस्चार्ज जैसी दिक्कत हो सकती है। ये मां और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में भ्रूण गर्भाशय की जगह फ्लोपियन ट्यूब में विकसित होने लगता है, ऐसी स्थिति में भी पेट में दर्द, ब्लीडिंग और ब्राउन डिस्चार्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।