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कितने दिन में असर खो देती है कोविड वैक्सीन से बनी Immunity? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 22 Jan, 2022 10:55 AM
कितने दिन में असर खो देती है कोविड वैक्सीन से बनी Immunity? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

कोरोना से बचने के लिए लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लेने की सलाह दी जा रही हैं। वहीं, सरकार व डॉक्टरों द्वारा बूस्टर डोज देने की भी तैयारी चल रही हैं। फिलहाल फ्रंट लाइन वर्कर्स और बुजुर्गों को ही दी जा रही हैं। इसी बीच लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद इम्यूनिटी कब तक बनी रहती है? चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब...

कितने दिन तक रहती है इम्यूनिटी?

एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी और इम्यूनिटी कम से कम 6 महीने तक बनी रहती है। रिसर्च के मुताबिक, 10 में से 3 लोगों में वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी का असर करीब 6 महीने बाद खत्म हो जाता है। यही वजह है कि लोग वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना के शिकार हो रहे हैं और इसलिए लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील की जा रही है।

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भारत में हुई रिसर्च का बड़ा खुलासा

हैदराबाद स्थित AIG हॉस्पिटल और एशियन हेल्थकेयर द्वारा की गई इस रिसर्च में करीब , 636 लोग शामिल थे। इन लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज दी गई थी। इस रिसर्च का मकसद लोगों में इम्यूनिटी के असर का पता लगाना था और साथ ही यह जानना भी था कि किस आबादी को बूस्टर डोज की जरूरत होगी।

रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों में एंटीबॉडी का स्तर 15 AU/ml होगा, उनके शरीर में इम्यूनिटी नहीं थी जबकि एंटीबॉडी का स्तर 100 AU/ml वालों में इम्युनिटी अब भी थी। एक्सपर्ट ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी का स्तर करीब 100 AU/ml होना चाहिए। इससे कम एंटीबॉडी वाले लोगों में कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है।

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रिसर्च में क्या आया सामने?

-रिसर्च में शामिल 1,636 लोगों में से 93% ने कोविशील्ड, 6.2% ने कोवैक्सीन जबकि 1% से भी कम लोगों को स्पूतनिक-वी डोज दी गई थी। करीब 30% लोगों में 6 महीने बाद इम्युनिटी का स्तर 100 AU/ml से कम हो गया था।

- वहीं, हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे 40 साल से ऊपर के पेशेंट में भी इम्यूनिटी खत्म हो गई थी जबकि 6% में इम्यूनिटी बिल्कुल नहीं थी।

- रिसर्च में सामने आया कि युवाओं में बुजुर्गों के मुकाबले लंबे समय तक इम्यूनिटी बनी रहती है। वहीं, किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त 40 साल से ऊपर के लोगों में एंटीबॉडी का असर सिर्फ 6 महीने तक ही रहता है।

किसे कब लगाई जाएगी बूस्टर डोज?

भारत में 30% लोग ऐसे हैं जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में कोमोर्बिडिटी यानि किसी बीमारी से ग्रस्त पेशेंट को दूसरी डोज लगाने के 6 महीने बाद बूस्टर डोज दी जा सकती है। वहीं, दूसरी डोज और बूस्टर डोज में 9 महीने का अंतर रखने से करीब 70% आबादी को फायदा होगा, जिसमें 6 महीने बाद भी इम्यूनिटी बनी रहती है।

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