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दुनिया पर बढ़  रहा है कैंसर का बोझ, इस बीमारी के खिलाफ नई आशा है ये तकनीक

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Aug, 2022 10:28 AM
दुनिया पर बढ़  रहा है कैंसर का बोझ, इस बीमारी के खिलाफ नई आशा है ये तकनीक

क्या आप जानते हैं कि नैशनल कैंसर रजिस्ट्री  प्रोग्राम के अनुमान के अनुसार 9 में से 1 भारतीय को अपने जीवन (0 से 74 साल की उम्र तक) में कैंसर होगा? कैंसर दुनिया में लोगों की मौत का दूसरा सबसे आम कारण है। हर 6 में से एक मौत कैंसर के कारण होती है  और दुनिया पर कैंसर का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इंटरनैशनल एजैंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आई.ए.आर.सी.) के अनुसार, कैंसर के नए मामले 2020 में 1.93 करोड़ से 1.5 गुना बढ़कर 2040 में 3.02 करोड़ हो जाएंगे। भारत में भी 2040 तक कैंसर के नए मामले बढ़कर 20 लाख तक पहुंच जाएंगे।

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जल्दी पता लगाने और इलाज से जानें बचती हैं

चूंकि पर्यावरणीय और जीवनशैली से जुड़े कारक महत्वपूर्ण ढंग से कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं, इसलिए लगभग 50 प्रतिशत कैंसर की रोकथाम की जा सकती है। कैंसर का जल्दी  पता लगाने और इलाज करने से कुल मिलाकर इस बीमारी का बोझ कम करने में मदद मिल सकती है। अगर इलाज में देरी हो, तो कैंसर के बढऩे और फैलने की संभावना बढ़ती है, जिससे थेरैपी कठिन हो जाती है और जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है।

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कैंसर के इलाज के लिए आमतौर पर तीन तरीके अपनाए जाते हैं- सर्जरी, दवाएं (कीमोथेरैपी) और रेडिएशन थेरैपी या इन तीनों का मिश्रण। इलाज का शैड्यूल विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर का प्रकार, उसकी अवस्था (फैलाव), मरीज को कैंसर के साथ हो रही दूसरी बीमारियां और उनकी प्राथमिकताएं। हालांकि कैंसर के मौजूदा इलाज उससे पूरी सुरक्षा देने के लिए अक्सर पर्याप्त नहीं होते हैं। कैंसर के बढ़ते बोझ को संभालने के लिए उसके इलाज में नवाचार इस समय की जरूरत है।

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इम्युनोथेरैपी कैंसर के इलाज में नई आशा देती है

कैंसर कैसे विकसित होता है और शरीर की उस पर क्या  प्रतिक्रिया होती है, इसकी गहरी समझ शोध का विषय है, ताकि इलाज के लिए नए और ज्यादा प्रभावी विकल्पों  की खोज की जा सके। इम्युनोथेरैपी इलाज का ऐसा ही एक तरीका है। ट्यूमर सेल्सा को सीधे खत्म करने वाली कीमोथेरैपी जैसे पारंपरिक इलाजों के विपरीत, इम्युनोथेरैपी कैंसर की कोशिकाओं पर हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र की प्रतिक्रिया को मजबूत करती है। सामान्य लोगों में रोग प्रतिरोधक तंत्र असामान्यक कोशिकाओं का पता लगाकर उन्हें खत्म कर सकता है। उसके द्वारा कई तरह के कैंसरों की वृद्धि को रोकने या बाधित करने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। हालांकि कुछ लोगों में कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने की यह निहित योग्यता अपर्याप्त  होती है और इस कारण कैंसर बढ़ता और फैलता है।

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विभिन्न तरीकों से दी जा सकती है इम्युनोथेरैपी

इम्युनोथेरैपी की दवाएं कैंसर के इलाज का उन्नत स्वरूप हैं, जो कैंसर से बेहतर ढंग से लड़ने में आपके रोग प्रतिरोधक तंत्र की सहायता करती हैं। चूंकि यह दवाएं आपके रोग प्रतिरोधक तंत्र की सहायता करती हैं, इसलिए यह कैंसर की पारंपरिक थेरैपीज से ज्यादा विशिष्ट हैं। इम्युनोथेरैपी की दवाएं विभिन्न तरीकों से रोग प्रतिरोधक तंत्र की योग्यता को बढ़ावा देती हैं। कुछ दवाएं कैंसर की कोशिकाओं का पता लगाने और उन्हें बढऩे और फैलने से रोकने के लिए ज्यादातर मेहनत करने में रोग प्रतिरोधक तंत्र की मदद करती हैं। दूसरी दवाएं रोग प्रतिरोधक तंत्र के काम में बदलाव करती हैं, ताकि वह  प्रभावी ढंग से कैंसर की कोशिकाओं पर हमला कर सके। इम्युरनोथेरैपी से फेफड़े, त्वचा, किडनी और ब्लैडर जैसे लगभग 15 कैंसरों का इलाज किया जा सकता है। इम्युनोथेरैपी विभिन्न तरीकों से दी जा सकती है। कैंसर के प्रकार के आधार पर दवाएं या तो इंट्रावीनस (आई.वी.) रूट से दी जा सकती हैं या गोली/कैप्सूल के रूप में, या एक टॉपिकल क्रीम के रूप में या सीधे ब्लैडर में (इंट्रावेसिकल)। इनका अकेले या इलाज के पारंपरिक विकल्पों के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

(डा.विनीत गोविंदा गुप्ता)

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