03 NOVSUNDAY2024 12:58:28 AM
Nari

जिस बात का था डर वही हुआ! अफगानिस्तान में लड़कियों को नहीं मिली स्कूल जाने की इजाजत

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 19 Sep, 2021 12:02 PM
जिस बात का था डर वही हुआ! अफगानिस्तान में लड़कियों को नहीं मिली स्कूल जाने की इजाजत

अफगानिस्तान में जिस बात का डर था वही हुआ, तालिबान द्वारा वादा किए जाने के बाद भी लड़कियों को आजादी मिलती दिखाई नहीं दे रही है। तालिबान शासन ने  7 से 12 क्लास तक की स्कूलों काे फिर से खोलने का ऐलान कर दिया है, लेकिन यह आदेश सिर्फ लड़कों के लिए है। लड़कियों के लिए स्कूल खोलने के बारे में कोई जिक्र ही नहीं है।  तालिबान लगातार इस बात का दावा कर रहा है कि वो अफगानिस्तान के लोगों की लाइफ को बेहतर बना देगा। 

PunjabKesari
दरअसल तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने छठवीं से 12वीं तक के सभी पुरुष छात्रों और पुरुष शिक्षकों से कहा कि वे शनिवार से स्कूल जाना शुरू करें। फेसबुक पर पोस्ट किए गए बयान में इस आयुवर्ग की लड़कियों/छात्राओं के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। निर्देशों में इस कमी ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि तालिबान फिर से लड़कियों और महिलाओं पाबंदियां लगाएगा। 

PunjabKesari

तालिबान ने पूर्व में पहली से छठी कक्षा तक की बच्चियों को स्कूल जाने की अनुमति दी थी। पिछले महीने फिर से अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण करने वाले तालिबान ने अतीत में महिलाओं/बच्चियों के स्कूल और दफ्तर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ प्रांतों में महिलाओं को हालांकि काम करने की अनुमति दी जा रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में काम करने वाली महिलाएं इनमें शामिल हैं। 

PunjabKesari
वहीं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने भी इस मामले पर चिंता जताते हुए अफगान लड़कियों को स्कूल से बेदखल ना करने की मांग की है।  यूनिसेफ प्रमुख हेनरीटा फोर ने कहा कि ​इस समय कई लड़कियों को वापस स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।  उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालिया मानवीय संकट से पहले भी 42 लाख बच्चों को स्कूल जाने से वंचित है। इनमें करीब 60 फीसदी लड़कियां हैं। हर दिन जो लड़कियां शिक्षा से चूक जाती हैं, उनके, उनके परिवारों और उनके समुदायों के लिए एक मौका चूक जाता है।

PunjabKesari
याद हो कि इससे पहले तालिबान ने ऐलान किया था कि नई शासन प्रणाली में लड़कियों को पढ़ाई का अधिकार होगा. लेकिन वे एक ही कमरे में लड़कों के साथ नहीं पढ़ सकेंगी।  इस्लामिक कानून के अनुसार उन्हें अलग कमरे में बैठकर पढ़ाई करनी होगी। 

Related News