कोरोना के कहर से बचने के लिए जहा पूरे देश में वैक्सीनेशन अभियान जोरों-शोरों पर चलाया जा रहा हैं वहीं वेक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई हैं। दरअसल, डाॅक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन लगाने से शरीर की इम्यूनिटी पहले के मुताबिक कापी स्ट्रांग हो जाती हैं जिससे वायरस का असर कम हो जाता हैं।
वैक्सीन लगने के बाद पहली मौत की हुई पुष्टि-
वहीं देश में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद पहली मौत की पुष्टि हुई हैं। दरअसल, वैक्सीन की वजह से 68 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। ये बात केंद्र सरकार की ओर से गठित पैनल की रिपोर्ट में सामने आई है।
वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी होने या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है।
बुजुर्ग की मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई- AEFI
इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का असेसमेंट करने के बाद कन्फर्म किया कि 68 साल के एक बुजुर्ग की मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस (Anaphylaxis) से हुई। ये एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। बतां दें कि बुजुर्ग को 8 मार्च 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगी थी और कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी। AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने पहली मौत की पुष्टि की है।
Anaphylaxis के दो केस और सामने आए थे
वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, Anaphylaxis के दो केस और सामने आए थे। इन दो व्यक्तियों को 16 जनवरी और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी। इनमें से एक की उम्र 22 साल थी और एक की उम्र 21 साल थी। इतना ही नहीं, इन दोनों को ही अलग-अलग वैक्सीन लगाई गई थी। इनमें से एक को कोविशील्ड और एक को कोवैक्सीन की डोज दी गई थी. हालांकि, ये दोनों ही मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए थे।
वैक्सीनेशन के बाद Anaphylaxis के लक्षण दिखे तो फौरन डाॅक्टर से संपर्क करें-
हालांकि, डॉ. अरोड़ा का ये भी कहना है कि हजारों में एक को ही एलर्जी से जुड़े रिएक्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वैक्सीनेशन के बाद Anaphylaxis के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत इलाज की जरूरत है। वहीं यह भी बताया कि यह 30 हजार से 50 हजार लोगों में से 1 को Anaphylaxis रिएक्शन दिखता है।
Anaphylaxis के लक्षण-
स्किन पर रिएक्शन जैसे कि पित्ती होने के साथ खुजली होना।
गर्माहट का एहसास।
गले में गांठ का महसूस होना
सांस लेने में दिक्कत, गले या जीभ में सूजन
अचानक नव्ज़ का गिरना।
चक्कर आना, उलटी आना या दस्त।
कमज़ोरी, बेहोश होना।
एनाफिलैक्सिस का क्या है इलाज-
एनाफिलैक्सिस अक्सर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के संपर्क में आने के बाद होता है। इसके ट्रीटमेंट में एपीनफिरीन का शॉट एकदम कारगर है और इसे फौरन मरीज को दिया जाना चाहिए। यह एक अड्रेनलिन ऑटो-इंजेक्टर होता है, जो ब्लड वेसल्स को सिकोड़ता है औरइससे स्मूद मसल्स को रिलैक्स करने में भी मदद करता है वहीं सांस लेने में हो रही कठिनाई को भी दूर करता हैं।