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लता को छोटी बहन मानते थे दिलीप कुमार, मगर फिर क्यों नहीं की उनसे 13 साल तक बात?

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 15 Jan, 2022 02:56 PM
लता को छोटी बहन मानते थे दिलीप कुमार, मगर फिर क्यों नहीं की उनसे 13 साल तक बात?

बॉलीवुड की स्वर कोकिला लता मंगेशकर कोविड की चपेट में आ गई है। इसी के चलते उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनकी भतीजी रचना ने उनकी हालत के बारे में अपडेट देते हुए कहा कि आईसीयू में एडमिट सिंगर अब ठीक है। हालांकि जानकारी के मुताबिक, 92 वर्षीय लता मंगेशकर को उम्र के कारण भी कई अन्य समस्याएं हैं जिसके चलते डॉक्टर उनका खास ख्याल रख रहे हैं। वहीं डॉक्टर के अनुसार,वह माइल्ड कोविड-19 पॉजिटिव हैं और निमोनिया की भी शिकायत है। डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में रखने में सलाह दी क्योंकि उन्हें लगातार देखभाल की जरूरत है।

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लता मंगेशकर को सुरों की मल्लिका कहा जाता है। उन्होंने 13 की उम्र में करियर की शुरूआत की थी और अब तक करीब 30,000 गाने गा चुकी हैं। उन्हें रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा जा चुकी हैं। बॉलीवुड में वह बहुत से स्टार्स के साथ अपना खास बॉन्ड शेयर करती हैं। वहीं दिवंगत लेजंड स्टार दिलीप कुमार उन्हें अपनी छोटी बहन मानते थे और उनसे राखी बंधवाते थे लेकिन एक समय ऐसा आया जब  दिलीप कुमार और लता मंगेशकर ने एक-दूसरे से बात भी करना बंद कर दी थी। वो भी 1-2 साल के लिए नहीं बल्कि दोनों ने बीच लगभग 13 सालों तक बातचीत बंद रही थी।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1957 में फिल्म 'मुसाफिर' के लिए सलिल चौधरी ने गाने 'लागी नाहीं छूटे' के लिए दिलीप कुमार को चुना, लेकिन लता मंगेशकर जो इस गाने में अपनी आवाज़ देने वाली थीं उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वो सोचने लगीं कि दिलीप गाना गा भी सकेंगे? वहीं, दिलीप कुमार गाने की प्रेक्टिस में लग गए लेकिन रिकॉर्डिंग के समय वो लता मंगेशकर के साथ गाते हुए घबरा रहे थे। इस घबराहट को दूर करने के लिए सलिल ने उन्हें ब्रांडी का एक पेग पिला दिया। इसके बाद दिलीप ने गाना तो गा दिया लेकिन आवाज सही नहीं बैठी और लता मंगेशकर ने गाना हमेशा की तरह बेहतरीन गाया और इस रिकॉर्डिंग के बाद से ही दिलीप कुमार और लता मंगेशकर के बीच मतभेद शुरू हो गए थे। कहा जाता है दोनों ने 13 सालों तक एक-दूसरे से ठीक से बात नहीं की थी। फिर साल 1970 में यह मतभेद खत्म हुए और लता मंगेशकर ने दोबारा फिर से दिलीप कुमार को राखी बांधना शुरू कर दिया था।

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जब दिलीप कुमार का देहांत हुआ तो लता मंगेशकर ने अपने सोशल अकाउंट में उन्हें राखी बांधते की एक पोस्ट शेयर की और लिखा- यूसुफ़ भाई आज अपनी छोटीसी बहन को छोड़के चले गए.. यूसुफ़ भाई क्या गए, एक युग का अंत हो गया. मुझे कुछ सूझ नहीं रहा. मैं बहुत दुखी हूँ, नि:शब्द हूँ.कई बातें कई यादें हमें देके चले गए. यूसुफ़ भाई पिछले कई सालों से बिमार थे, किसीको पहचान नहीं पाते थे ऐसे वक़्त सायरा भाभी ने सब छोड़कर उनकी दिन रात सेवा की है उनके लिए दूसरा कुछ जीवन नहीं था. ऐसी औरत को मैं प्रणाम करती हूँ और यूसुफ़ भाई कीं आत्मा को शान्ति मिले ये दुआ करती हूँ.

फिलहाल लोग लता मंगेशकर के जल्दी स्वस्थ होने की दुआएं मांग रहे हैं।

 

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