कोरोना का कहर लोगों में इस कदर बैठ गया है कि वो एक-दूसरे को छूने से भी डर रहे हैं। वहीं अगर किसी को नॉर्मल सर्दी-खांसी या फ्लू हो जाए तो उसे भी शक की निगाह से देखा जा रहा है। भले ही कोरोना, फ्लू और सर्दी-खांसी के लक्षण एक जैसे हो लेकिन फिर भी इन तीनों में बहुत फर्क है। ज्यादा सतर्क रहने के लिए कोरोना वायरस और आम सर्दी-जुकाम के लक्षणों में अंतर करना काफी जरूरी है चलिए आपको बताते हैं कि इन तीनों में क्या फर्क है और कैसे पहचानें इसके लक्षण...
. कोरोना वायरस के लक्षणों को समझें
कोरोना वायरस के कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, थकान व सूखी खांसी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ रोगियों में दर्द, नाक बहना, गले में खराश, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना और दस्त जैसे संकेत भी दिख सकते हैं। वहीं इसके कारण फेफडों में भी इंफैक्शन हो जाता है। हालांकि इसके 80% लक्षण हल्के होते हैं, जो 9 से 14 दिन में धीरे-धीरे दिखते हैं।
. फ्लू के लक्षण
फ्लू की बात करें तो यह एक बहती नाक से शुरू होता है और फिर खांसी व बुखार होता है। कोरोना वायरस से संक्रमित बहुत कम लोगों ने खांसी के साथ एक बहती हुई नाक होने की सूचना दी है यानि कोरोना वायरस में नाक नहीं बहती है।
. गले में खराश के बारे में क्या?
अगर किसी को केवल गले में खराश है तो यह कोरोना का लक्षण नहीं हो सकता है। दूषित पानी या गलत खान-पान के कारण गले में खराश हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर आपको परेशान नहीं होना चाहिए।
कौन होते हैं सुपर स्प्रेडर लोग?
सुपर स्प्रेडर यानि वो लोग, जिन्हें पता नहीं होता कि वो संक्रमित है। ऐसे लोग जाने-अनजाने बड़ी संख्या में इंफैक्शन फैला सकते हैं। ऐसे में हमें बड़ी संख्या में लोगों की पहचान करने की आवश्यकता है, जो हम इस समय कर रहे हैं।
क्या करें ?
अगर आपको कोरोना जैसे मिलते जुलते लक्षण दिख भी रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं। सबसे पहले तो सरकार द्वारा जारी किए गए नंबर पर बिना देरी फोन करें। इसके बाद खुद को एक कमरे में आइसूलेट कर लें, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों को इंफैक्शन ना हो।
याद रखें कि डॉक्टर्स व सरकार द्वारा बताई जा रही सभी जरूरी सावधानियों का पालन करें क्योंकि कोरोना वायरस बुजुर्गों के अलावा, बढ़े-बच्चे, अमीर-गरीब किसी को भी प्रभावित कर सकता है। सबसे जरूरी बात डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी दवा न लें।