सर्दी खांसी होने पर पेरेंट्स अपने बच्चों को कफ सिरप देते हैं लेकिन यह कफ सिरप बच्चों के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं। हाल ही में भारत की दवा नियामक DCGI ने चार साल से कम उम्र के बच्चों को सर्दी और खांसी के लिए दिए जाने वाले कफ सिरप पर रोक लगा दी है। DCGI ने हाल ही में सभी राज्यों को एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने दो दवाईयों क्लोरफेनिरामाइन मैलेट(Chrofenirmine Mallet) और फिनाइलफ्राइन(Phenylphrine) के कॉकटेल का उपयोग करके बनाए गए सिरप की पैकेजिंग पर लेबलिंग इसी के अनुसार, करने के लिए कहा है। इन दवाईयों के मिश्रण से तैयार किए गए सिरप या गोलियों का इस्तेमाल सामान्य सर्दी के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। इस सीरप के कारण दुनियाभर में 141 बच्चों की मौत को मद्देनजर रखते हुए लिया गया है ऐसे में सभी ड्रग कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन दोनों दवाइओं का इस्तेमाल से तैयार सिरप की लेबलिंग तुरंत अपडेट की जाए।
समिति ने की मांग
राज्यों को लिखे गए लेटर में समिति ने कहा है कि - 'क्लोरफेनिरामाइन मैलेट (Chrofenirmine Mallet) आईपी(IP) 2 एमजी (MG) + फिनाइलफ्राइन( Phenylphrine) एचसीआई(HCI),आईपी(IP), 5एमजी ड्रॉप/एमएल की फिक्स डोज कॉम्बिनेशन को प्रोफेसर कोकाटे की समिति के द्वारा तर्कसंघत घोषित कर दिया गया है। समिति की सिफारिश के आधार पर इस कार्यालय ने 18 महीने के नीतिगत निर्णय के तहत 17 जुलाई 2015 को विषय एफडीसी के निरंतर विनिर्माण और विपणन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया है।'
बच्चों में आ रही समस्याएं
इस लेटर में आगे कहा गया है कि - 'शिशुओं के लिए अस्वीकृत एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन को बढ़ावा देने के बाद से ही यह समस्याएं सामने आ रही हैं। इस मामले पर हालांकि पूरे तरीके से कंपनी विचार किया था। विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी-पल्मोनरी) की बैठक 6 जून 2023 को हुई है जिसमें क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी+ फिनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5 एमजी ड्रॉप/एमएमल के एफडीसी के प्रयोग के संबंध में मुद्दे के आलोक में समिति के सामने चर्चा की गई है।'
बच्चों में दिख सकते हैं ये साइड इफेक्ट
इस मामले में बाल रोग एक्सपर्ट्स का कहना है कि - '1 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+ फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड की सलाह नहीं दी जाती है, 2-4 साल के बच्चों के लिए इसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करने के लिए कहा जाता है। भले ही ये दवाई लिखी गई हो लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत ही कम समय और कम डोज के लिए किया जाना चाहिए। बेहोश होने जैसे इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते है।' एसईसी की सिफारिश के बाद ही डिजीसीआई ने यह निर्णय लिया है और सभी निर्माताओं को लेबल और पैकेज के प्रचार पर चेतावनियों का उल्लेख करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल भी न दी जाए।