नारी डेस्क: प्रदूषक तत्व, विशेष रूप से वायु प्रदूषण के कण और रसायन, बच्चों की याददाश्त और मस्तिष्क विकास पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। हाल ही में एक स्टडी में भी यह दावा किया गया है कि प्रदूषकों के संपर्क में आने से बच्चों को मेमोरी लॉस का खतरा बढ़ रहा है। स्टडी में पाया है कि PM2.5 जैसे महीन कण सभी उम्र के लोगों के कॉग्निटिव कार्य और याददाश्त के लिए हानिकारक हैं।
प्रदूषण से अल्जाइमर और डिमेंशिया का भी खतरा
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया (यूएससी) द्वारा किए गए इस शोध में अमेरिका के 8,500 बच्चे शामिल थे, जिसमें पता चला कि वायु प्रदूषण - जो मुख्य रूप से कृषि उत्सर्जन के कारण होता है - 9 और 10 साल के बच्चों में खराब कॉग्निटिव प्रदर्शन से जुड़ा है। अध्ययन में PM2.5 प्रदूषण के एक अहम घटक अमोनियम नाइट्रेट की पहचान की गई है, जो न केवल बच्चों की सीखने और याददाश्त की कमी के लिए बल्कि वयस्कों में अल्जाइमर और डिमेंशिया के लिए भी एक विशिष्ट कारक है। यह रसायन तब बनता है जब कृषि से निकलने वाली अमोनिया गैस फॉसिल फ्यूल के जलने से निकलने वाले नाइट्रिक एसिड के साथ मिलती है।
सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
प्रदूषण से बच्चों के मस्तिष्क में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है। इससे मस्तिष्क के उन हिस्सों को नुकसान होता है जो याददाश्त, ध्यान, और सीखने में सहायक होते हैं। प्रदूषक तत्व, खासकर भारी धातुएं जैसे सीसा और मरकरी, बच्चों के तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इससे न्यूरॉन संचार धीमा हो जाता है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है।
मस्तिष्क के विकास में रुकावट
प्रदूषण के संपर्क से बच्चों के मस्तिष्क का विकास बाधित हो सकता है। खासकर बचपन के प्रारंभिक वर्षों में, जब मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है, प्रदूषण मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। बच्चों में ध्यान और फोकस की क्षमता कमजोर हो सकती है। प्रदूषण से याददाश्त और संज्ञानात्मक क्षमता में कमी आने के साथ ही, वे चीजें ठीक से याद नहीं रख पाते। वायु प्रदूषण से जुड़े प्रदूषक हिप्पोकैम्पस पर असर डालते हैं, जो मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और याददाश्त व सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे बच्चे नई चीजों को समझने और याद रखने में दिक्कत का सामना करते हैं।
बच्चों को प्रदूषण से बचाने के उपाय
मास्क का उपयोग करें: बच्चों को बाहर जाने पर मास्क पहनाएं, खासकर हाई ट्रैफिक और प्रदूषण वाले इलाकों में।
घर को प्रदूषण मुक्त रखें: एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, पौधे लगाएं, और घर में हवा को शुद्ध बनाए रखने के प्रयास करें।
पौष्टिक आहार दें: एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर भोजन बच्चों को दें, जैसे कि फल, सब्जियां, नट्स आदि। ये भोजन मस्तिष्क की सेहत को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
इनडोर गतिविधियों को प्राथमिकता दें: प्रदूषण के अधिक स्तर पर होने पर बच्चों को बाहर खेलने की बजाय इनडोर खेलों की ओर प्रेरित करें।
प्रदूषण के बारे में जानकारी दें: बच्चों को जागरूक करें कि किस तरह प्रदूषण से बचा जा सकता है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
प्रदूषण को नियंत्रित करना दीर्घकालिक स्वास्थ्य और मस्तिष्क विकास के लिए आवश्यक है, और बच्चों को इस खतरे से बचाने के लिए उचित सावधानियां अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।