वैसाखी का नाम आते ही कानों में ढ़ोल की ताल, भांगड़ा व गिद्दा की तस्वीर सामने आ जाती है। हालांकि, इस वक्त लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि आप बैसाखी को एंजॉय नहीं कर सकते। आप घर पर रहकर भी इस त्यौहार को हर्षोल्लास व मजे के साथ सेलिब्रेट कर सकते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप घर पर रहकर अपने इस दिन को कैसे मजेदार बना सकते हैं...
अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता है बैसाख
पंजाब समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में बैसाखी धूमधाम से मनाई जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। बंगाल में पैला बैसाख यानि पीला बैसाख तो दक्षिण में बिशु के नाम से मनाते हैं तो वहीं केरल, तमिलनाडु, असम आदि राज्यों में बिहू के नाम से भी इसे मनाया जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी इस दिन मेलों का आयोजन किया जाता है। बंगाली नव वर्ष, मलयाली नव वर्ष विशु, तमिल नव वर्ष पुथांदू, आसामी नव वर्ष बिहु का आरंभ भी वैसाखी से ही माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
बैसाखी दान-पुण्य व गंगा स्नान का मुहूर्तः 13 अप्रैल, दोपहर 1 बजकर 59 मिनट।
यह शुभ मुहूर्त 14 अप्रैल सूर्यादय तक रहेगा।
लॉकडाउन के दौरान कैसे मनाएं अपने दिन को मजेदार...
. सुबह सबसे पहले स्नान करें। लॉकडाउन के चलते आप गंगा, या किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते। ऐसे में आप घर पर ही पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। आप चाहें तो बिना गंगाजल के भी नहा सकते हैं।
. स्नान करने के बाद घर के मंदिर में पूजा करें और फिर अपने बड़ों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं।
. इस दिन पंजाब के लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते हैं। मगर, आप घर के टी.वी या कंप्यूटर पर गाने सुनकर डांस कर सकते हैं।
. बैसाखी पर घरों में पीले व कई तरह के पकवान बनते हैं और दोस्तों-रिश्तेदारों को भी घर बुलाकर दावत दी जाती है। हालांकि इस बार आप दोस्तों व रिश्तेदारों को घर नहीं बुला सकते लेकिन पकवान बनाने की परंपरा को बरकरार रख सकते हैं। आप चाहें तो भोजन के वक्त रिश्तेदारों से वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं।
. दान-पुण्य के लिए आसपास जो भी जरूरतमंद आपको दिखे मेष संक्रांति के शुभ मुहूर्त में दान करके आप पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
. इस दिन अन्न, वस्त्र, पंखा, फल और पानी से भरा घड़ा दान करना काफी शुभ माना जाता है।
. कहा जाता है कि इस दिन किए गये दान से जातक को निरोगी काया, धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।