दिवाली का पर्व आने वाला है और हर कोई फेस्टिवल की तैयारी में जुटा है। बच्चों ने तो गलियों में पटाखें फोड़ना शुरू भी कर दिया है लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने दिवाली को लेकर एक चेतावनी दी है। दरअसल, एक्सपर्ट का कहना है कि दिवाली के पटाखों से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं इसलिए अभी भी एहतियात बरतने की जरूरत है। वहीं, लोगों को बूस्टर डोज भी लेनी होगी।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
ओडिशा के स्वास्थ्य निदेशक विजय कुमार महापात्र ने कहा कि कोरोना संक्रमण ऊपर-नीचे हो रहा है। यह कोरोना वायरस की एंडेमिक स्टेज में है यानि वायरस के फैलाव की प्रकृति अब स्थानीय हो सकती है। हालांकि संक्रमण बढ़ना या कम होना डायनोमिक प्रक्रिया है।
पटाखों के धुएं से कोरोना का खतरा क्यों?
दरअसल, पटाखों के धुएं में हानिकारक स्मॉल पार्टिकल्स होते हैं, जो हवा में घुल जाते हैं। सांस लेते समय ये पार्टिरल्स सांस के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं, जिन्हें एयरोसॉल (Aerosol) भी कहा जाता है। आगे चलकर यही कोरोना वायरस का कारण बन सकता है। ऐसे में वैज्ञानिक द्वारा लोगों से पटाखें ना जलाने की सलाह दी जा रही है।
किन लोगों को सावधान रहने की अधिक जरूरत
जिन लोगों को अस्थमा, दिल के रोग, डायबिटीज, फेफड़ों संबंधी बीमारी या इम्यूनिटी से जुड़ी कोई समस्या है उन्हें पटाखों के धुएं से दूर रहना चाहिए क्योंकि इन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है।
टीकाकारण नहीं सेफ्टी की गरंटी
अगर आपको लगता है कि टीका लगवाने से आपको कोरोना नहीं होगा तो आप गलत है। देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जो टीका लगवाने के बाद संक्रमित हुए। कोरोना का टीका इम्यूनिटी बूस्टर डोज है , ना कि पर्मानेंट इलाज इसलिए जितना हो सके सावधान रहें।
फेफड़ों के लिए ज्यादा खतरनाक
डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना मरीजों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। यहां तक की रिकवरी के बाद भी कोरोना मरीजों के फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में दीवाली का प्रदूषण स्थिति को ओर भी बिगाड़ सकता है।
क्या करें?
. कोशिश करें कि दीवाली में आप पटाखे ना जलाएं। इसकी बजाए दीप, कैंड्स जलाएं।
. मरीज खासतौर पर दीवाली वाले दिन घर से बाहर ना निकलें और घर में भी कॉटन का मास्क पहनकर रखा है। अगर घर में प्यूरीफायर है तो फिर आप मास्क उतार सकते हैं।
. किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं तो अपने डॉक्टर के साथ संपर्क में रहें।
. दिनभर में भरपूर पानी पीतें रहें, ताकि बॉडी हाइड्रेट रहे।
. एक दूसरे से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।