कोरोना वायरस के बाद अब जीका नाम के खतरनाक वायरस ने भारत में आतंक मचाना शुरु कर दिया है। केरल के बाद कुछ दिन पहले कर्नाटक में मच्छरों में जीका वायरस पाया गया है। कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले में मच्छर में जीका वायरस पाया गया है। ऐसे में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा - 'हमारे विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है। हमने जो नमूने एकत्र किए थे उनमें से कुछ जीका पॉजिटिव पाए गए हैं। चिकबल्लापुर में जीका वायरस के मच्छर पाए गए हैं। लगभग 10 दिन पहले हमें रिपोर्ट मिली है और तब से हम वहां की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अब तक कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है। उम्मीद है यह वायरस नियंत्रण में आ जाएगा।' चलिए आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं जीका वायरस के क्या लक्षण हैं...
कर्नाटक में सामने आए थे वायरस के इतने लक्षण
चिक्कबल्लापुर जिले में तालकेबेट्टा के आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में अलर्ट जारी किया गया है। डीएचओ एसएस महेश ने बताया कि क्षेत्र में बुखार के सारे मामलों का बारीकी के साथ विश्लेष्ण किया जा रहा है और जिन तीन रोगियों को तेज बुखार आया था। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। राज्यभर में से 100 कुल नमूने इकट्ठे किए गए जिनमें से 6 चिकबल्लापुर से थे। उनमें से 5 का परीक्षण नेगेटिव था लेकिन एक सैंपल का जीका वायरल के लिए पॉजिटिव परीक्षण किया गया। जिला प्रशासन भी इसे लेकर अलर्ट पर है। डीएचओ ने ऐसे लोगों से आगे आने और अपने ब्लड सैंपल्स देने के लिए कहा था जिनको लगातार 3 दिनों से हाई फीवर है। जीका वायरस के लक्षण वैसे डेंगू जैसे ही हैं।
क्या होता है जीका वायरस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जीका वायरस एडिज मच्छर के काटने से फैलता है यही मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और पीला ज्वर के लिए जिम्मेदार होते हैं। इस वायरस की शुरुआत पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से हुई। यदि गर्भवती महिला इस वायरस के संपर्क में आती है तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी संक्रमित होने का खतरा रहता है।
लक्षण
इस संक्रमण के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं जैसे
. शरीर पर लाल धब्बे पड़ना
. तेज बुखार आना
. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
. सिरदर्द
हालांकि कुछ लोगों को पता नहीं चल पाता कि वह इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं क्योंकि इसके लक्षण बाकि संक्रमणों जैसे ही हैं। इसलिए व्यक्ति इन्हें सामान्य वायरस समझकर इन्हें इग्नोर कर देता है।हालांकि इस वायरस से बचने के लिए अभी कोई वैक्सीन या इलाज भी विकसित नहीं हुआ है।
कैसे करें वायरस से अपना बचाव?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए और लगातार पानी पीते रहना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। साथ ही इस वायरस के संक्रमण और इलाज के बारे में जागरुकता भी जरुरी है। जीका वायरस मुख्यतौर पर इंसान के शरीर में एक सप्ताह तक रहता है।