देश के 74 वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर आत्मनिर्भरता की भावना से लैस सैन्य ताकत, विविधतापूर्ण एवं जीवंत सांस्कृतिक धरोहर और नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला। परेड में पहली बार कई नयी भागीदारी देखने को मिली, जिनमें अग्निवीर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ‘केमल-माउंटेड' टुकड़ी का ऊंट सवार महिला दस्ता और दिल्ली पुलिस की एक महिला ‘पाइप बैंड' शामिल हैं।
समारोह की 'थीम' मुख्यतः ‘‘नारी शक्ति'' रही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य लोगों तथा सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों ने भव्य परेड देखी। नौसेना के मार्चिंग दल में नौ अग्निवीर--छह पुरुष और तीन महिलाएं--शामिल थे। दो महिला अग्निवीर भी नौसेना की झांकी का हिस्सा थी।
सलामी मंच पर राष्ट्रपति मुर्मू की मौजूदगी में कर्तव्य पथ पर भारत की विविध संस्कृति और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया। अंत में रोमांच से भर देने वाले लड़ाकू विमानों को कर्तव्य पथ के ऊपर से उड़ान भरते देखा गया।
परेड में मुख्य जोर नारी शक्ति को प्रदर्शित करने पर था। परेड में नौसेना की झांकी भी प्रस्तुत की गई, जिसमें उसकी बहुआयामी क्षमता एवं नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया। ड्रोन का एक मॉडल भी झांकी का हिस्सा था। थलसेना के मर्चिंग दस्ते में डोगरा रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री, बिहार रेजिमेंट, गोरखा ब्रिगेड के अलावा मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के दल शामिल थे।
परेड में 17 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों तथा मंत्रालयों एवं विभागों की कुल 23 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इनमें उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम के अलावा जम्मू कश्मीर, लद्दाख आदि की झांकियां शामिल थीं। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे।
संस्कृति मंत्रालय की झांकी मेंभी नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया और इसका मुख्य विषय ‘शक्ति रूपेण संस्थिता' रखा गया। संस्कृति मंत्रालय की झांकी में न326 महिला एवं 153 पुरूष कलाकारों ने हिस्सा लिया। मंत्रालय की झांकी में शास्त्रीय, लोक एवं पारंपरिक मिश्रित नृत्य का प्रदर्शन किया गया और इसमें पंच तत्व पृथ्वी, जल, वायु, अंतरिक्ष और अग्नि के माध्यम से नारी शक्ति को दर्शाया गया। झांकी में देवी पूजा का प्रदर्शन किया गया और लोक नर्तकों ने पारंपरिक देवी स्वरूपों का मंचन किया।