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नवजात शिशु के लिए क्यों फायदेमंद है राई का तकिया?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 15 Jun, 2020 02:53 PM
नवजात शिशु के लिए क्यों फायदेमंद है राई का तकिया?

नवजात शिशुओं को कम से कम 6 महीने तक खास देखभाल की जरूरत होती है। वही शिशु को पकड़ते समय गर्दन का ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि जरा ली लापरवाही से उनकी गर्दन में लचक पड़ सकती है। वहीं सोते समय भी शिशु के लिए राई का तकिया ही यूज करना चाहिए क्योंकि इससे उनकी सिर को सही शेप मिलती है। चलिए आपको बताते हैं कि शिशु के लिए राई का तकिया ही क्यों जरूरी है... 

आखिर राई का तकिया ही क्यों?

नवजात का सिर जन्म के वक्त से ही नाजुक होता है, जिसे सही शेप व अच्छी तरह विकसित होने में कुछ समय लग जाता है। सोते समय शिशुओं के सिर के नीचे ऐसा तकिया रखने की जरूरत होती है, जिससे कि उनके सिर को किसी तरह का नुकसान ना हो। ऐसे में राई का तकिया अन्य पिलो की तुलना में ज्यादा मुलायम होता है, जो सिर के नीचे एक-समान रहता है।

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कब लगाना चाहिए नवजात को राई का तकिया?

8 से 9 महीने की उम्र के होने तक राई से बने तकिया का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चे जब घुटनों पर चलने लगे तब राई का तकिया हटा देना चाहिए।

कितना फायदेमंद राई का तकिया?

1. इससे शिशुओं को कम्फर्टेबल फील होता है, जिससे वो अपनी नींद पूरी कर पाते हैं।
2. बच्चे थोड़ी-थोड़ी देर पर ही करवट बदलते रहते हैं। ऐस में यह तकिया बच्चे के सिर के हिसाब से एडजस्ट हो जाता है, जिससे उनकी गर्दन को कोई नुकसान नहीं होता और उनकी नींद में भी खलल नहीं पड़ता।
3. राई में एक ऐसा औषधि गुण पाया जाता है, जिससे शिशु के सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
4. नवजात शिशु को जब गर्भ से बाहर निकलते हैं तब उनको गर्म स्थान या कपड़ों में रखना पड़ता है। वहीं राई शिशु को गर्मी प्रदान करता है, जिससे वो सर्दी से बच जाते हैं।
5. इस पर सर रख कर सोने से बच्चे के सर में जो छोटे-छोटे अंतर होते हैं, वह ठीक हो जाता है।
6. राई के तकिया में सुलाने से बच्चे के दिमाग की ग्रोथ में तेजी से विकास होता है।
7. राई का तकिया लगाने से से बेबी का सिर सुडौल रहता है। उसकी गर्दन भी स्थिर रहती है।

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बरतें ये सावधानियां

. शिशु को सुलाते समय यह देखें कि तकिया नीचे सही तरह से लगा है या नहीं। अगर यह तकिया सही से नहीं रहेगा तो बच्चे का सिर सही होने के बजाए बिगड़ जाएगा।
. ध्यान रखें कि तकिया में राई ज्यादा ना हो। दरअसल, ज्यादा सरसों भरने से तकिया कठोर व कड़ा हो सकता है।
. अगर यह तकिया गलती से फट जाए तो इसमें भरी हुई राई बाहर निकल सकती है और बच्चे की श्वसन नली में रुकावट पैदा हो सकती है। ऐसे में ध्यान रखें कि तकिए की सिलाई मजबूत हो।
. जब भी अपने बच्चे के लिए राई का तकिया यूज करें, यह जांच लें कि राई में नमी न हो।

 

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