रमजान का पाक महीना चल रहा है और इस महीने में इस्लामिक लोग 30 दिनों का रोजा रखते हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त होने तक वह कुछ नहीं खाते-पीते हालांकि गर्मी के मौसम में एक दम भूखे प्यासे रहना मुश्किल तो हो जाता है लेकिन अल्लाह को सच्चे दिल से मानकर, लोग रोजे रखते हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद इफ्तारी खाकर रोजा खोलते हैं। इफ्तारी में कई तरह के पकवान खाए जाते हैं। जिसमें खजूर भी जरूर शामिल होती हैं और वह खजूर खाकर अपना रोजा खोलते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि खजूर खाकर ही रोजा क्यों खोला जाता है चलिए आपको इसके पीछे की एक खास वजह बताते हैं।
खजूर खाने के पीछे जुड़ी है मान्यता
खजूर खाकर रोजा खोलने के पीछे एक मान्यता है कि खजूर इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब (Prophet Hazrat Muhammad) का पसंदीदा फल था। वह भी खजूर खाकर रोजा खोलते थे इसीलिए मुस्लिम आज भी इस परंपरा को निभा रहते हैं।
साइंस का क्या कहना है वो भी जानिए
1. दिनभर भूखे रहने के बाद शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है इसलिए बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी की जरूरत होती है और खजूर ऐसा आहार है जिसे खाने के बाद शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है।
2. इसके अलावा खजूर खाने से इफ्तार के दौरान खाई जाने वाली चीजों का डाइजेशन सही तरीके से होता है और गैस से जुड़ी परेशानी भी नहीं होती।
3. खजूर में न्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं और इससे बॉडी को जरूरी फाइबर भी मिलते हैं।
4. इसमें में मौजूद मैग्नीशियम, कॉपर, विटामिन, आयरन और प्रोटीन से बॉडी एक्टिव रहती है।
5. साथ ही साथ खजूर में एल्केलाइन साल्ट होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी कम होता है।
6. खजूर आसानी से पच भी जाती हैं। यही वजह है कि खाली पेट इसे खाने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।