आजकल बाजार में खाने से लेकर पहनने वाली चीजों तक सब में मिलावट है। शिद्धाता की तो कोई guarantee देता ही है। पहनने वाली चीजें तक तो ठीक है, लेकिन खाने वाली चीजों में मिलावट करके सेहत से खिलावड़ करना तो सही नहीं है। लेकिन ऐसा हो रहा है। भारत के ही कई गांवों में नकली पनीर बनाने का काम चल रहा है। यहां से कई सारे बिजनैसमैन बड़ी मात्रा में ऑर्डर देकर नकली पनीर बनावाते हैं और बाद में लोगों में बेच देते हैं। हरियाणा और यूपी से ना जाने कितना ही पनीर हर रोज दिल्ली जैसे शहर भेजा जाता है। World Health Organization तक भारत सरकार को देश में मिल रहे नकली दूध और पनीर के बारे में बता चुकी है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, नकली पनीर बनाने का काम उतनी ही तेजी से चल रहा है। इसलिए जरूरी है नकली पनीर की जांच करना सही पनीर खरीदाना बेहद जरूरी है।
कैसे बनता है नकली पनीर?
नकली पनीर खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पामोलिन तेल, ग्लिसरॉल मोनोस्टियरेट पाउडर और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे कैमिकल मिलाकर बनाया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है असली पनीर की पहचान करना।
ऐसे चेक करें पनीर की शुद्धता
गर्म पानी से डालें
पनीर की शुद्धता जांचने के लिए सबसे पहले इसे थोड़ी देर के लिए गर्म पानी में उबालें। इस पानी में सोयाबीन का आटा और अरहर की दाल का पाउडर डालें। आटा मिलाने के बाद नकली पनीर का रंग लाल होने लगता है, ऐसा इसलिए होता है कि पनीर बनाते समय डिटर्जेंट और यूरिया जैसे केमिकल चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इसका रंग लाल हो जाता है।
पनीर को पानी में उबालें
पनीर को जांचने का दूसरा तरीका यह है कि आप पानी में पनीर को उबालें फिर ठंडा कर लें। अब इस एक पनीर के टुकड़े में टिंचर आयोडीन की कुछ ड्राप डालें। अगर पनीर का रंग नीला हो जाता है, तो समझ जाएं कि यह पनीर मिलावटी है। बता दें कि टिंचर आयोडीन एक एंटीसेप्टिक दवाई होती है, जिसे घाव पर लगाया जाता है। यह आपको मेडिकल शॉप पर आसानी से मिल जाता है।
वहीं असली पनीर की पहचान आप उसकी खुशबू से भी लगा सकते हैं। आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि असली पनीर से दूध जैसी खुशबू आती है। वहीं नकली से कोई खुशबू नहीं आती है।