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इस मंदिर में सतयुग से है भगवान विष्णु के पैर का निशान, यहां पदचिह्नों का ही होता है श्रृंगार

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Jul, 2024 01:28 PM
इस मंदिर में सतयुग से है भगवान विष्णु के पैर का निशान, यहां पदचिह्नों का ही होता है श्रृंगार

 वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारा को विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में पेश आम बजट में कहा- ‘‘बिहार में विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारा को विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जाएगा।'' बिहार के गया शहर में स्थित विष्णुपद मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। 

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यहां  है भगवान विष्णु के पदचिह्न 

विष्णुपद मंदिर बिहार राज्य के गया जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।   विष्णुपद मंदिर का निर्माण विष्णु भगवान के पदचिह्न (चरण) के ऊपर किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां अपने पैर से धरती पर कदम रखा था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के पदचिह्न की आकृति एक चट्टान पर बनी हुई है।

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यहां होता है पिंडदान 

मंदिर का निर्माण पत्थर से किया गया है और इसमें उत्कृष्ट नक्काशी देखने को मिलती है। इस मंदिर की संरचना अद्वितीय है और इसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। विष्णुपद मंदिर पिंडदान के लिए भी प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में पिंडदान का विशेष महत्व है और गया में इसका आयोजन विशेष रूप से किया जाता है।

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इस मंदिर में कैसे पहुंचे

निकटतम हवाई अड्डा गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पटना हवाई अड्डा भी निकटतम विकल्पों में से एक है, जो लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गया जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो विष्णुपद मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गया शहर सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप निजी टैक्सी, बस, या ऑटो रिक्शा के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

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मंदिर दर्शन के नियम


- मंदिर में प्रवेश करते समय पारंपरिक कपड़े पहनना आवश्यक है।
- मंदिर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
- मंदिर के प्रांगण में शांति बनाए रखना चाहिए और अनुशासन का पालन करना चाहिए।
- विष्णुपद मंदिर में दर्शन और पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
- पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा की शांति के लिए लाभकारी माना जाता है।
 

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