किसी की मदद करने के लिए केवल धन की जरूरत नहीं होती, उस के लिए एक अच्छे मन की जरूरत होती हैं... यह कहावत सच कर दिखाई है प्रिया पटेल ने। वह उन छात्रों की मदद के लिए आगे आई है जो ऊँची उडान भरने की इच्छा रखते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पुरा नहीं कर पा रहे हैं।
दादी के नाम पर बनाया NGO
भारतीय मूल की 25 वर्षीय खगोलशास्त्री प्रिया पटेल ने USA में भारतीय छात्रों के लिए NGO की स्थापना की है। दादी के नाम पर चलाए जा रहे द शारदा फाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय छात्रों को नासा (NASA), इएसए(ESA) जैसी एजेंसियों से साथ काम करने का मौका दिया जाए। Space Engineer प्रिया खुद भी Aerobatic Pilot बनने का भी प्रशिक्षण ले रही हैं, वो अभी मंगल पर पानी की मौजूदगी पर हो रहे शोध का हिस्सा हैं।
मैं भाग्यशाली हूं: प्रिया
अंतरिक्ष यात्री का कहना है कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यह अनुभव मिला, लेकिन अब मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं उन अनुभवों को उन छात्रों के साथ साझा करूं जो वास्तव में अंतरिक्ष में जाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन उनके पास अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए संसाधन नहीं हैं।
मंगल ग्रह पर उतरे पानी पर कर रही अध्ययन
प्रिया बताती हैं कि वह वर्तमान में इस साल की शुरुआत में मंगल ग्रह पर उतरे पानी की उपस्थिति का अध्ययन करने के लिए नासा के पर्सवेरेंस रोवर से वायुमंडलीय डेटा एकत्र करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘सपने के सच होने’ जैसा है और वह एसटीईएम में भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व करके खुश हैं।
पीएचडी कर रही है प्रिया
गुजरात में जन्मी प्रिया का मानना है कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, साधन की कमी है। भारत से बाहर निकलकर मेरे माता-पिता ने जो बलिदान दिया उसकी बदौलत मुझे ये मौक़ा मिला। फिलहाल वह नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के समन्वय में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से पीएचडी कर रही है।