24 APRTHURSDAY2025 12:05:04 AM
Nari

विनाशकारी भूकंप की चपेट में आ सकता है भारत, वैज्ञानिकों की नई स्टडी का दावा

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 14 Apr, 2025 04:02 PM
विनाशकारी भूकंप की चपेट में आ सकता है भारत, वैज्ञानिकों की नई स्टडी का दावा

नारी डेस्क: भारत के नीचे धरती की परतों में एक ऐसी हलचल शुरू हो चुकी है जो आने वाले समय में बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट अब टूटने की कगार पर है। यह टूट-फूट इतनी गंभीर है कि यह हिमालय से लेकर तिब्बती पठार तक के इलाकों को हिला सकती है। यह सिर्फ कोई छोटी-मोटी भूगर्भीय गतिविधि नहीं है, बल्कि एक ऐसी गहरी प्रक्रिया है जो भारत को भविष्य में भारी भूकंपों का सामना करा सकती है।

धरती के नीचे क्या चल रहा है?

वैज्ञानिकों के अनुसार, भारतीय टेक्टोनिक प्लेट पिछले 6 करोड़ सालों से यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। इस टकराव के कारण ही हिमालय जैसे ऊंचे और विशाल पर्वत बने हैं। लेकिन अब एक नई प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसे डेलैमिनेशन (Delamination) कहा जाता है। इस प्रक्रिया में भारतीय प्लेट का भारी हिस्सा धीरे-धीरे धरती के अंदर की मेंटल परत में धंसता जा रहा है। इससे प्लेट के भीतर दरारें बनने लगी हैं और ऐसा लग रहा है जैसे यह दो हिस्सों में बंट रही है।

डेलैमिनेशन क्या है और क्यों है यह खतरनाक?

डेलैमिनेशन एक भूगर्भीय प्रक्रिया है, जिसमें किसी प्लेट का अंदरूनी और भारी हिस्सा धरती के भीतर खिंच कर मेंटल में समा जाता है। यह तब होता है जब प्लेट के नीचे मौजूद परत कमजोर हो जाती है या बहुत अधिक भार दबाव में आ जाता है।

PunjabKesari

इससे क्या होता है?

प्लेट के ऊपरी हिस्से पर तनाव बढ़ता है, जब तनाव ज्यादा हो जाता है, तो सतह पर बड़ी भूकंप की संभावना बनती है। प्लेट की स्थिरता खत्म होती है और उसमें दरारें बनने लगती हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिक साइमन क्लेम्परर के अनुसार, जब दो महाद्वीपीय प्लेटों में जबरदस्त दबाव बनता है, तो वे टूटने लगती हैं। यही प्रक्रिया भूकंपों को जन्म देती है।

ये भी पढ़े: क्रिकेट खेलकर लौट रहे युवक की फ्लाईओवर से गिरकर मौत, वीडियो कॉल बना काल

हिमालय और तिब्बती पठार सबसे ज़्यादा खतरे में

यह भूगर्भीय हलचल सबसे अधिक हिमालय और तिब्बती पठार जैसे इलाकों में असर डालेगी। ये क्षेत्र पहले से ही भूकंप संभावित क्षेत्र माने जाते हैं।अब डेलैमिनेशन की वजह से इन इलाकों में भूकंप की आवृत्ति (बार-बार होना) बढ़ सकती है। भूकंप की तीव्रता (intensity) भी अधिक हो सकती है। तिब्बत में गहरी दरारें देखने को मिल सकती हैं।पहाड़ों के नीचे की संरचना बदल सकती है, जिससे भू-स्खलन और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डौवे हिंसबर्गेन के अनुसार, यह प्रक्रिया इतनी गहरी और जटिल है कि इसे पूरी तरह समझना अभी भी कठिन है। लेकिन संकेत साफ हैं – भारत की जमीन अब पहले जैसी नहीं रही।

नई रिसर्च में क्या-क्या पता चला है?

यह अध्ययन हाल ही में ‘अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन’ नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें जो बातें सामने आई हैं, वे बेहद चिंता बढ़ाने वाली हैं भारतीय टेक्टोनिक प्लेट अब दो हिस्सों में टूट रही है। इसका एक हिस्सा धरती की गहराई में समा रहा है। इस टूटन से प्लेट के ऊपर दबाव और तनाव बढ़ रहा है। ये पूरी प्रक्रिया हिमालय से लेकर तिब्बती पठार तक असर डालेगी। भविष्य में भारत में कई बड़े भूकंप आ सकते हैं।

PunjabKesari

डेलैमिनेशन क्यों अलग है बाकी प्रक्रियाओं से?

अब तक वैज्ञानिक सतह पर होने वाली हलचल या दरारों को ही भूकंप का कारण मानते थे। लेकिन डेलैमिनेशन अंदर से प्लेट को तोड़ता है – नीचे से ऊपर की ओर। इसका मतलब यह है कि यह प्रक्रिया गहरे में चल रही है और इसके संकेत सतह पर दिखाई देने से पहले ही भारी नुकसान कर सकती है। यह हमारी धरती की बनावट को लेकर हमारी पुरानी समझ को चुनौती दे रही है।

आगे क्या हो सकता है?

अगर यह प्रक्रिया तेज़ हो जाती है तो भारत को इन खतरों का सामना करना पड़ सकता है, उत्तर भारत और हिमालय क्षेत्र में भयंकर भूकंप, तिब्बत क्षेत्र में भूगर्भीय दरारें, भारत के भौगोलिक नक्शे में बड़े बदलाव, जन-जीवन, निर्माण और प्राकृतिक संरचनाओं पर बड़ा असर।

हमें क्या करना चाहिए?

इस खतरे से निपटने के लिए जरूरी है कि सरकार और जनता दोनों ही सचेत रहें। नीचे दिए गए कुछ कदम इस दिशा में मदद कर सकते हैं

आपातकालीन तैयारी रखें – जैसे कि फर्स्ट ऐड किट, टॉर्च, पीने का पानी, जरूरी दस्तावेज और मोबाइल चार्जर, स्थानीय प्रशासन और वैज्ञानिक संस्थानों की एडवाइजरी का पालन करें
जन-जागरूकता बढ़ाएं – स्कूलों, दफ्तरों और समाज में भूकंप से जुड़ी जानकारी फैलाएं
भविष्य की योजना बनाएं – सरकार को भी नए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाते वक्त इन भूगर्भीय तथ्यों को ध्यान में रखना होगा

भारतीय प्लेट में जो बदलाव हो रहे हैं, वे सिर्फ वैज्ञानिकों के अध्ययन का विषय नहीं, बल्कि हमारे जीवन से सीधे जुड़े हुए हैं।


 

Related News