एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने हाल ही में एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया। पति शोएब मलिक ने ये बात फैंस के साथ शेयर करते हुए बताया कि दीपिका को प्रीमैच्योर डिलीवरी हुई है। कई लोगों को प्रीमैच्योर डिलीवरी शब्द सुनते ही दिमाग में ये बात आती है कि आखिर प्रीमैच्योर डिलीवरी होती क्या है और इससे क्या वाकई में खतरा है। तो चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में और प्रेग्नेंट महिलाएं कैसे बच सकती हैं....
क्या है प्रीमैच्योर डिलीवरी
जब कोई बच्चा समय से पहले यानी की 9 महीनों से पहले पैदा होता है तो उसको प्रीमैच्योर डिलीवरी कहते हैं। प्रेग्नेंसी का समय 40 हफ्ते का होता है और प्रीमैच्योर डिलीवरी में बच्चा 37 सप्ताह या उससे पहले पैदा हो जाता है। इससे मां मां और होने वाले बच्चे की हेल्थ को खतरा हो सकता है। प्रीमैच्योर हुए बच्चों को गर्भशय के बाहर बढ़ने और ग्रोथ में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इससे बच्चे को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे दिल, मस्तिष्क, फेफड़े या लिवर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को चाहिए की वो इस दौरान थोड़ा अलर्ट रहें। अगर आप दीपिका की तरह प्रेग्नेंसी में Complications नहीं चाहती तो कुछ बातों का ध्यान रखें...
ओरल हाइजीन
शायद सुनने में अजीब लगे लेकिन ओरल हाइजीन का सीधा रिलेशन प्रीमेच्योर डिलीवरी से होता है। अगर आप ओरल हाइजीन मेंटेन नहीं रखतो तो आपकी बॉडी से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जो प्रीमैच्योर डिलीवरी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी में आप मसूड़ों से खून, कैविटी या मुंह के छालों से परेशान हैं तो इसको हल्के में ना लें। डॉक्टर से संपर्क करें।
पैरों की मालिश कर सकती है नुकसान
प्रेग्नेंसी में पैरों की मालिश तो बहुत अच्छी लगती हैं, इससे बहुत आसाम मिलता है लेकिन स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों की मालिश से गर्भशय सिकुड़ जाता है, क्यों पैरों की मालिश से इस पर दबाव पड़ता है और प्रीमैच्योर डिलीवरी के chances बढ़ जाते हैं।
हैवी एक्सरसाइज
प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। कहते हैं कि इससे आपकी बॉडी तो फिट रहती है। ऐसा करने से गेस्टेशनल डायबिटीज यानि कि गर्भकालीन मधुमेह का जोखिम भी कम हो जाता है। अगर ज्यादा हैवी एक्सरसाइज करें तो पेट पर दबाव आ सकता है। इससे प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ता है और बच्चे भी प्रभावित होता है।
इन महिलाओं को भी होता है प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा
जिन महिलाओं की उम्र 20 साल से कम या 40 से ज्यादा है, जो सिगरेट पीती हैं या किसी तरह की मेडिकल कंडिशन से जुझ रही हैं उन्हें प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा ज्यादा होता है।
ये लक्षण दिखने पर करें डॉक्टर से संपर्क
पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर, पेट में दबाव, लिक्किड डिस्चार्ज जैसी कई लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।