वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खजाना खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। बजट को तैयार करने से लेकर इसे पेश करने की प्रक्रिया के बारे में ताे सभी को जानकारी है लेकिन इसके इतिहास के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी बजट की शुरूआत
बजट परंपरा की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1860 में की थी। इसके करीब 9 सालों बाद भारत के लिए पहला बजट पेश करने वाला शख्स था जेम्स विल्सन। इंडियन काउंसिल के वित्तीय सदस्य विल्सन ने 18 फरवरी 1869 में पहला बजट पेश किया था। वहीं भारत को आजादी मिलने के बाद 26 नवंबर 1947 को भारत का पहला बजट पेश किया गया था। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षण्मुखम शेट्टी ने पेश किया था।
पहले बजट की डिटेल हो गई थी लीक
पहले बजट से एक मशहूर किस्सा जुड़ा है। भारत में जब पहले वित्त मंत्री बजट पेश करने की तैयारी कर रहे थे, उससे पहले ही ब्रिटिश चांसलर के एक्सचेकर ह्यूग डालटन ने पत्रकारों के साथ भारतीय बजट की कुछ डिटेल साझा कर दी थी।बजट पेश होने से पहले ही पत्रकारों ने स्टोरी ब्रेक कर दी। गोपनियता के उल्लंघन के चलते डालटन को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
मोरारजी देसाई ने 10 बार पेश किया था बजट
मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में सबसे अधिक 10 बार देश का बजट पेश किया. केवल वही एक ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने 1964 और 1968 में दो बार, 29 फरवरी को अपने जन्मदिन के मौके पर बजट पेश किया था। साल 1955 तक केंद्रीय बजट अंग्रेजी में पेश किया जाता था लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छपने लगा था।
हीरूभाई मूलजीभाई ने दिया था सबसे छोटा बजट भाषण
सबसे लम्बा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड जहां निर्मला सीतारमण के नाम है वहीं सबसे छोटा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड 1977 में तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मूलजीभाई पटेल के नाम है। उन्होंने केवल 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था। वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के 1991 में दिए बजट भाषण में 18,650 शब्द थे जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली के 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे।
पहले शाम को पेश होता था बजट
साल 1999 तक फरवरी के अंतिम वर्किंग डे तक बजट पेश किया जाता था। इसे शाम में 5 बजे देश के सामने रखा जाता था, इसके बाद तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे सुबह 11 बजे से पेश करना शुरू कर दिया। साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017 से 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा शुरू कर दी। इसके बाद से ही देश का आम बजट सुबह 11 बजे और 1 फरवरी को ही पेश किया जाता है.