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महामारी के दौरान किशोर लड़कियों में आत्महत्या के प्रयास 50% से अधिक बढ़े: सीडीसी

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 12 Jun, 2021 02:36 PM
महामारी के दौरान किशोर लड़कियों में आत्महत्या के प्रयास 50% से अधिक बढ़े: सीडीसी

कोविड-19 महामारी ने जहां पूरे देश में हाहाकार मचाई हुई हैं वहीं इस महामारी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार भी हो गए हैं। इतना ही नहीं इस कोविड -19 महामारी के बीच आत्महत्या के प्रयास भी बढ़ हैं। इसे ही लेकर एक चौंका देने वाला अध्ययन भी सामने आया है। 


सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC ) के नए आंकड़ों के मुताबिक, 12 से 17 साल के बच्चों, खासकर किशोर लड़कियों में आत्महत्या के प्रयास बढ़ गए हैं। 


अमेरिका में एक सीडीसी विश्लेषण में आत्महत्या के प्रयासों  एक अध्ययन किया गया है।  इसके बाद रिपोर्ट में कहा गया कि 2006 से 2015 के बीच 10 से 19 वर्ष के लड़के-लड़कियों के आत्महत्या करने के प्रयास में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

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आत्महत्या की प्रवत्ति युवा लड़के और लड़कियों में बुजुर्गों की अपेक्षा ज्यादा
इस अध्ययन में केवल उन मामलों को शामिल किया गया है, जो अस्पताल तक पहुंचे हैं।  रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 45 वर्ष से कम उम्र के लोग और 65 से 74 आयु वर्ग के लोगों में आत्महत्या करने की प्रवत्ति तेजी से बढ़ी है। हैरानी की बात यह है कि आत्महत्या की प्रवत्ति युवा लड़के और लड़कियों में बुजुर्गों की अपेक्षा ज्यादा बढ़ी है।


सीडीसी ने शुक्रवार को जारी एक अध्ययन में कहा कि किशोरों के बीच अस्पतालों में आपातकालीन विभाग का दौरा मई 2020 की शुरुआत से बढ़ा है, जब महामारी पूरे अमेरिका में फैल रही थी।


अध्ययन के अनुसार,  जुलाई के अंत से अगस्त 2020 के अंत तक, 12 से 17 साल की लड़कियों के बीच संदिग्ध आत्महत्या के प्रयासों के लिए आपातकालीन विभाग के दौरे की औसत साप्ताहिक संख्या में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 26.2% की वृद्धि हुई।

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सीडीसी ने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन और social distancing के आदेशों की वजह से आत्महत्या के प्रयासों में वृद्धि हुई है। 2020 में, एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 18 से 24 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं के बीच आपातकालीन विभाग के दौरे में 16.8% की गिरावट आई थी।


सीडीसी ने कहा कि जून 2020 तक, समान आयु वर्ग के 25% सर्वेक्षण किए गए वयस्कों ने 2019 के अनुरूप पिछले 30 दिनों में महामारी से संबंधित आत्मघाती विचारों का अनुभव किया। लेकिन आत्महत्या के प्रयासों के लिए वास्तविक आपातकालीन कक्ष का दौरा पूरे महामारी में अधिक बढ़ा है। 
 

फरवरी 2021 से मार्च 2021 तक किशोर लड़कियों में संदिग्ध आत्महत्या के प्रयासों के लिए आपातकालीन विभाग की औसत साप्ताहिक यात्राओं में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50.6% की वृद्धि हुई।

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कोरोना महामारी के कारण आत्महत्या की दर में और भी तेजी आ सकती है-

वहीं, अमेरिका के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में सामाजिक अलगाव, वित्तीय कठिनाइयां और कोरोनो वायरस महामारी से संबंधित चिंताओं के चलते भविष्य में आत्महत्या की घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं। यूरोप और अमेरिका में हुए कुछ शोधों में पता चला है कि हर 1 प्रतिशत बेरोजगारी में वृद्धि होने से आत्महत्या की दर 0.8 से 1 प्रतिशत तक बढ़ती है,लेकिन 2020 में आत्महत्या की दर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। आगे कोरोना महामारी के कारण इसमें और भी तेजी आ सकती है।
 

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