ग्रीन टी को हमेशा से एक हेल्दी ड्रिंक माना गया है। कहते हैं रोज सुबह की शुरूआत अगर ग्रीन टी से की जाए तो कई सारे Health Benefits मिलते हैं। इसे पीने के बाद शरीर में एनर्जी महसूस होती है और शरीर से एक्सट्रा फैट निकल जाता है। कई महिलाओं डिलीवरी के बाद जल्द शेप में आने के लिए बहुत सारी ग्रीन टी पीने लगती हैं। लेकिन क्या ये ड्रिंक डिलीवरी के बाद भी उतनी ही फायदेमंद है? एक्सपर्ट्स की मानें तो ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए ग्रीन टी जहर के बराबर है। आइए आपको बताते हैं इसके साइड इफेक्ट्स...
आयरन की कमी
बहुत ज्यादा ग्रीन टी पीने से शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। ये एनीमिया (खून की कमी) का कारण बन सकता है। ग्रीन टी में नेचुरल टैनिन नाम का केमिकल पाया जाता है, जिससे नुकसान हो सकता है।
लगातार सिर में दर्द रहना
ग्रीन टी सिरदर्द की भी वजह बन सकती है। दरअसल, इसमें कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है जो लोग कैफीन के प्रति संवेदनशील होते हैं, उन्हें परेशान हो सकती है। अगर आपको पहले से ही सिरदर्द रहता है तो ग्रीन टी इसे और बदतर कर सकता है।
स्लीप साइकिल हो सकता है खराब
ग्रीन टी में कैफीन होता है, जिससे शरीर में एनर्जी आ जाती है। हालांकि ये स्लीप साइकिल को भी खराब कर सकता है। इसे पीने के बाद सोने में परेशानी होती है। ग्रीन टी के एक्टिव तत्व शरीर को मेलाटोनिन जैसे नींद लाने वाले हार्मोन के उत्पादन को रोकती है।
हड्डियां भी होती हैं कमजोर
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। इससे से दूध बनता है। लेकिन ग्रीन टी के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारियों का खतरा रहता है। दरअसल ग्रीन टी में ऐसे कैमिकल होते हैं जो हड्डियों को कैल्शियम सोखने से रोकते हैं। इससे हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं।
बच्चे की सेहत को भी रहता है नुकसान
ज्यादा मात्रा में ग्रीन टी पीने से कैफीन ब्रेस्ट के दूध से बच्चे में भी चला जाता है, जिससे बच्चे की सेहत को असर पड़ता है।
नोट- ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं दिन भर में 2 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन न करें। अगर हो सके तो कोशिश करें ग्रीन टी की जगह लाइट एक्सरसाइज करने की।