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EcoFriendlyDiwali: पर्यावरण को न हो नुक्सान इसलिए त्रिपुरा की महिलाओं ने बनाए बांस के दीए

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 10 Nov, 2020 12:06 PM
EcoFriendlyDiwali: पर्यावरण को न हो नुक्सान इसलिए त्रिपुरा की महिलाओं ने बनाए बांस के दीए

दिवाली का त्योहार लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। हालांकि दिवाली के आने से पहले पर्यावरण के बचाव के लिए लोगों की चिंता बढ़ जाती है। इस बार भी देश में कुछ ऐसा ही माहौल है। पर्यावरण के बचाव के लिए इस बार भी सरकार ने और कोर्ट की तरफ से कईं राज्यों में पटाखों पर बैन लगा दिया है ताकि प्रदूषण न फैले और लोग इको-फ्रेंडली दिवाली मनाएं।  दिवाली की तैयारी हर राज्य में हो रही है वहीं त्रिपुरा में इस बार अलग ही ढंग से दिवाली मनाई जाएगी। 

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स्व-सहायता महिला समूह ने बनाएं बांस के दीए

देखा जाए तो दिवाली पर लोग घरों में मिट्टी के दीए जलाते हैं लेकिन त्रिपुरा के सेपाही जिला की स्व-सहायता महिला समूह ने बांस के दीए बनाकर एक अच्छी पहल कर दी है। जिसे सीएम बिप्लब कुमार देब ने हाल ही में लॉन्च किया । ग्रुप की महिलाओं ने बांस के अलग-अलग प्रकार, डिजाइन और दाम में दीओं को तैयार किया। स्व-सहायता समूह की सदस्य दीपाली पॉल ने बताया ,' हमारे उत्पादों की भारी मांग है। हमने अलग-अलग कीमत के दिये बनाए हैं।' 

मुख्यमंत्री ने किया लॉन्च

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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने इसे "पर्यावरण के अनुकूल" बताया और बांस की मोमबत्तियां और दीये लॉन्च किए और कहा कि यह एक छोटा सा कदम स्थानीय लोगों को रोजगार देगा। 

खास है दीए 

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ये दीए बेहद खास हैं क्योंकि एक तो यह आसानी से जलेंगे और दूसरा इसकी आग फैलने से खतरा भी नहीं होगा। इस तरह से हम अपने घरों में रोशनी भी कर पाएंगे और पर्यावरण को भी इससे कोई नुक्सान नहीं होगा। 

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