दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-वी इस दौड़ में सबसे आगे है। इसी बीच खबरें आ रही हैं कि रूस से कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर सामने आई हैं। दरअसल, रूस की दूसरी वैक्सीन एपिवैक कोरोना (EpiVacCorona) का शुरूआती ट्रायल भी सफल रहा।
रूस की दूसरी वैक्सीन का पहला ट्रायल भी सफल
साइबेरिया स्थित रूस के टॉप सिक्रेट विषाणु विज्ञान अनुसंधान केंद्र वेक्टर ने जानकारी दी है कि एपिवैक कोरोना क्लिनिकल ट्रायल के पहले 2 चरणों में सफल साबित हुई। बता दें कि रूस कोरोना की पहली वैक्सीन स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) का पंजीकरण करवाने वाला पहला देश है। हालांकि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली WHO की लिस्ट में रूस नाम शामिल नहीं है।
वायरस के खिलाफ ज्यादा असरदार और सुरक्षित
रूसी वैज्ञानितों का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ EpiVacCorona वैक्सीन ज्याद असरदार और और सुरक्षित है। वेक्टर का कहना है कि वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में इम्यूनिटी प्रक्रिया को ट्रिगर करने वाले पेप्टाइड्स पर रिसर्च की गई, जिसके अधार पर इसके प्रभाव के आखिरी निष्कर्ष निकालना आसान होगा।
जल्दी किया जाएगा आखिरी ट्रायल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि 3 हफ्तों के अंदर वेक्टर इंस्टिट्यूट के टीके को मंत्रालय से मंजूरी मिल सकती है। टीके का पंजीकरण होने के बाद साइबेरिया में 5,000 स्वयंसेवकों पर इसका आखिरी क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा। हालांकि वेक्टर संस्थान का कहना है कि वैक्सीन का सामान्य ट्रायल भी किया जाएगा, जिसमें 60 साल से ज्यादा उम्र के 150 स्वयंसेवक शामिल होंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि वैक्सीन बुजुर्गों पर कितनी प्रभावी है। इसके बाद वैक्सीन का ट्रायल 18 से 60 साल के स्वयंसेवकों पर किया जाएगा, जिसमें 5,000 रूसी स्वयंसेवकों सहभागी होंगे।
नवंबर से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसी महीने बड़ी खबर सामने आने की संभावना जताई है। गौरतलब है कि EpiVacCorona 2-2 घटक वैक्सीन है, जिसके बीच 21 दिन का अंतराल होता है। खबरों के मुताबिक, कंपनी पहली खेप में 10 हजार डोज बनाएगी, जिसका उत्पादन नवंबर महीने से शुरू हो सकता है।