छोटे बच्चों पूरी तरह से माता- पिता पर निर्भर होते हैं। ऐसे में खाने-पीने से लेकर उनकी मालिश तक का हर छोटी से छोटी चीज पर ध्यान देना जरुरी होता है। छोटे बच्चों की रोजाना मालिश करने से उनकी हड्डियां तो मजबूत होती है साथ ही उनका विकास भी अच्छे से होता है। हालांकि कुछ लोग सही जानकारी ना होने के चलते कुछ गलतियां कर सकते हैं जिससे बच्चे को नुकसान हो जाता है। आइए आपको बताते हैं मालिश करने के कुछ नियम
-बच्चों की मालिश धूप में लिटाकर करनी चाहिए, ताकि उनके शरीर को सूर्य की किरणों से विटामिन 'डी' मिल सके। इससे त्वचा विकार रहित और हड्डी मजबूत होगी।
-कमजोर, अविकसित शरीर वाले और किसी रोग के कारण दुर्बल हुए बच्चों की मालिश बादाम के तेल से करनी अधिक लाभप्रद रहती है।
-बच्चे की मालिश नौकरानी या किसी अन्य से न करवा कर माता को स्वयं करनी चाहिए। मां की ममता व शिशु के प्रति मंगलकारी भावना का बच्चे पर पूरा प्रभाव पड़ता है और मालिश भी सुरक्षित ढंग से होती है।
-किसी रोग विशेष की स्थिति हो तो फिर विशेषज्ञ से मसाज करानी चाहिए।
-बच्चे की मालिश जैतून के तेल, मक्खन व गोघृत से करनी चाहिए। यदि ये पदार्थ उपलब्ध न हो सकें तो नारियल या सरसों का तेल इस्तेमाल करें।
-बच्चों की मालिश कोमलता से, हल्का दबाव देते हुए सावधानी से करनी चाहिए। जोड़ों पर गोलाकार हाथ बलाकर चारों तरफ मालिश करके अंग को आठ-दस बार चलाकर उनको व्यायाम देना चाहिए। इससे जोड़ मजबूत होते हैं।
-पीठ की मालिश के लिए बच्चे को पेट के बल लिटाएं। दोनों हाथों से बच्चे की गर्दन से लेकर हिप्स तक अंगुलियों को ऊपर नीचे चलाते हुए हल्के हाथ से मालिश करें। बच्चे की रीढ़ पर सरक्युलर मूवमेंट्स में हल्का दबाव डालते हुए हाथ चलाएं।
-अगर बच्चे की प्लेसेन्टा अभी पूरी तरह सूखी नहीं है तो आपको पेट की मालिश नहीं करनी चाहिए।
-आपका शिशु बहुत नाजुक और कोमल है, इसलिए मालिश के दौरान ज्यादा दबाव या तेज स्ट्रोक न लगायें।