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टूटा 96 साल का रिकॉर्ड, पहली बार दिल्ली के रामकृष्ण मिशन में मनाई जा रही है दुर्गा पूजा

  • Edited By palak,
  • Updated: 24 Oct, 2023 04:36 PM
टूटा 96 साल का रिकॉर्ड, पहली बार दिल्ली के रामकृष्ण मिशन में मनाई जा रही है दुर्गा पूजा

इतिहास में पहली बार रामकृष्ण मिशन दिल्ली में दुर्गा पूजा का आयोजन करने वाला है। रामकृष्ण मिशन संगठन अपनी गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। ऐसे में अब 96 साल के इतिहास में पहली बार राजधानी दिल्ली में यह संगठन दुर्गा पूजा मनाने वाला है। धूमधाम के साथ यहां पर मां दुर्गा की आराधना का आयोजन हो रहा है। जानकारी की मानें तो इस पूजा का आयोजन दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में रामकृष्ण आश्रम मार्ग मेट्रो स्टेशन के पास किया जाएगा।

दुर्गा पूजा के लिए तैयार किया गया है संगमरमर का मंच 

रामकृष्ण मिशन की दुर्गा पूजा के लिए मुख्य तौर पर यहां संगमरमर का मंच तैयार किया गया है। इस मंच पर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा रखी जाएगी। रामकृष्ण मिशन दिल्ली की मैनेजिंग कमेट के वाइस प्रेजिडेंट भास्कर रॉव ने कहा कि भक्तों व सेवकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण ही इस साल यहां पर दुर्गा पूजा का आयोजन संभव हो पाया है। हम पारंपरिक तौर पर शास्त्रों के अनुसार ही दुर्गा पूजा करेंगे। आपको बता दें कि भाष्कर रॉय पिछले 60 सालों से रामकृष्ण मिशन के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि यहां पर रखी मां दुर्गा की मूर्ति करीबन 10 फीट ऊंची है और पूरा कार्यक्रम बहुत ही अच्छे से चल रहा है। अष्टमी को कुमारी पूजा की जाएगी। इस पूजा में छोटी कुंवारी लड़कियों को स्वंय देवी के रुप में पूजा जाता है। मुख्यतौर पर दिल्ली के कई पंडाल इस पूजा को नहीं करते हैं लेकिन हम ऐसा करने जा रहे हैं क्योंकि यह बैलूर मठ की परंपरा है। ऐसे में दिल्ली में इसका पहली बार आयोजन सबसे अलग होने वाला है।  

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पहले से शुरु हो गई थी तैयारियां 

पूजा को लेकर दुर्गा पूजा से पहले ही सितंबर महीने में तैयारियां शुरु हो गई थी। सारे अधिकारियों की अनुमति लेना और मुख्य रुप से कोलकाता के बैलूर मठ में स्थित रामकृष्ण मिशन के मठ और मुख्यालय से इस पूजा की अनुमति भी ली गई है। 

108 कन्याओं की होती है पूजा 

कुमारी पूजन के दिन 108 कन्याओं को देवी के रुप में सजाकर उनकी पूजा की जाती है। यह परंपरा बैलूर मठ स्थित रामकृष्ण मिशन की सबसे बड़ी खासियत है। इसके अलावा दिल्ली रामकृष्ण मिशन ने कोलकाता के उपनगर बोलपुर से 6 ढाकियों ( विशेष वाद्य यंत्र बजाने वाले जिसे पश्चिम बंगाल में पूजा के समय बजाया जाता है) को बुलाया गया है। पूजा पंडाल में आने वाले भक्तों को भोग भी बांटा जाएगा। 

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क्या है बैलूर मठ? 

बैलूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद जी ने की थी। वह रामकृष्ण परमहंस के प्रसिद्ध शिष्यों में से एक थे। पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के किनारे पर स्थित बैलूर मठ रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है। यह मिशन अलग-अलग मानव अधिकारों और सामाजिक सेवा के कार्यों से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि इस साल बैलूर मठ में मां दुर्गा की पूजा 21 से 23 अक्टूबर तक की गई है।  

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