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प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा होगा कम, जानिए प्रेगनेंसी में कितनी धूप जरूरी

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 27 Aug, 2021 04:22 PM
प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा होगा कम, जानिए प्रेगनेंसी में कितनी धूप जरूरी

प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को यह चिंता होती है कि उसका बच्चा पूरे नौ महीनें के बाद सुरक्षित और हेल्दी पैदा हो ले चाहती हैं लेकिन लेकिन कभी-कभी हेल्थ प्राॅब्लम की वजह से कुछ महिलाओं की समय से पहले ही डिलीवरी हो जाती हैं। जिसकी वजह से शिशु प्रीमैच्योर होता है। समय से बहुत पहले पैदा हुए कई शिशु में शारीरिक संबधी समस्याएं होने लगती है और ऐसे में प्री मैच्‍योर बेबी का ध्‍यान रखना बहुत कठिन हो होता है। 

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प्री-मैच्योर डिलीवरी के मामलों को घटाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई तरह की रिसर्च की है जिनमें से एक रिसर्च  का कहना है कि ऐसी प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा घटाना है तो गर्भवती मांओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही कुछ देर धूप में बैठना चाहिए। ऐसा करने से 10 फीसदी तक प्री-मैच्योर डिलीवरी से बचा जा सकता है।  

 रिसर्च करने वाली एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि  स्कॉटलैंड में गर्भवती महिलाएं धूप में बहुत कम ही निकलती हैं, ऐसी महिलाओं में 10 फीसदी प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा अधिक रहता है, और जिससे बच्चे की मौत का खतरा बढ़ जाता है।

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 प्री-मैच्योर डिलीवरी को रोकने के लिए धूप कैसे है कारगार
इस  रिसर्च के शोधकर्ता का कहना है कि  प्री-मैच्योर डिलीवरी को रोकने के लिए धूप एक नई तरह की खोज है। सूरज की धूप शरीर पर पड़ने पर स्किन से नाइट्रिक एसिड निकलता है और बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर घटने लगता है। ऐसे में अगर महिलाएं प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही कुछ मिनट धूप में बैठती है तो महिलाओं की कोख में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर होगा। इसके अलावा विटामिन-डी की कमी भी पूरी होती है। जो कि भ्रूण में हड्डियां, किडनी, हार्ट और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए बेहतर है। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि धूप के कारण धमनियां रिलैक्स होती हैं जिससे तनाव दूर होता है,  इससे प्रेग्नेंसी में आने वाली बाधाएं भी कम हो जाती हैं। 

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 4 लाख प्री-मैच्योर डिलीवरी मांओं पर हुई है यह रिसर्च
 प्री-मैच्योर डिलीवरी में धूप की रिसर्च को पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने मैटरनिटी केयर से 4 लाख मांओं और 5 लाख बच्चों को डाटा इकट्ठा किया और ये ऐसी मांएं थीं जिनकी प्री-मैच्योर डिलीवरी  हुई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे समय पर पैदा होने वाले बच्चों में मौत का खतरा मात्र 50 फीसदी ही रहता है।

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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में धूप में बैठने वाली महिलाओं को ही फायदा मिलता है
 रिसर्च में सामने आया कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में धूप में बैठने वाली महिलाओं को ही फायदा मिलता है। जिन महिलाओं ने 0 से 13वें हफ्ते तक धूप सेकीं है उनमें गर्भनाल से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं,  वहीं, 14 से 26 हफ्ते में धूप में बैठने वाली गर्भवती महिलाओं पर इसका उतना कोई खास फायदा नहीं हुआ। 

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