मुसलमानों के सबसे महत्वपूर्ण और पाक महीने रमजान की शुरुआत हो गई है। यह वो महीना होता है जब बच्चे से लेकर बूढ़ा हर व्यक्ति रोजा रखकर खुदा की इबादत करता है। इस पूरे महीने सभी नियमों का पालन करते हुए रोजा रखा जाता है। सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के बीच कुछ भी खाने- पीने की इजाजत नहीं होती। वैसे तो प्रेग्नेंट महिलाओ को रोजा ना रखने की छूट होती है लेकिन अगर इसके बावजूद भी कोई रोजा रखना चाहती है ताे उन्हे कई बातों का ध्यान रखना होगा।
महिलाओं के लिए यह है छूट
प्रेग्नेंट महिलाओं में खून की कमी या कोई अन्य दिक्कत हो तो हर दिन रोजा रखने से बचें।
अचानक कमजोरी महसूस होने लगे तो प्रेग्नेंट महिलाएं तोड़ सकती हैं रोजा
रोजे के दौरान नहीं हो रही बच्चे के मूवमेंट या पेट में हो रहा है दर्द तो रोजा खोल देना ही सही
जिन महिलाओं को ब्लड प्रेशर की शिकायत है वह रोजा रखने से बचे
रोजा रखने के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं का वजन कम हो रहा है तो डॉक्टर से लें सलाह
बहुत ज्यादा प्यास लगन या पेशाब कम या गहरे रंग का होने पर तोड़ा जा सकता है रोजा
रोजा रखते हुए आने लगे ताे तुरंत अपने ब्लड शुगर को कराएं चेक ।
खाने के दौरान बरतें सावधानी
रोजा के रखने के पहले और तोड़ने के बाद तीन से साढ़े तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें
खजूर, भीगे बादाम जरूर खाएं क्योंकि ये आपको ही नहीं आपके शिशु के लिए भी जरूरी है।
फल और जूस के साथ दूध या दही का सेवन भी जरूर करें
गर्मी ज्यादा होने के कारण अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन न करें
प्रेग्नेंट महिलाओं को हर्बल टी या ग्रीन टी का भी सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए
सेहरी में हाई प्रोटीन डायट के साथ हाई फाइबर डायट लें।
लंबे समय तक भूख से बचने के लिए पनीर, चिकन, मटन, मल्टीग्रेन रोटी खाएं
बहुत मीठा या बहुत तीखा और ऑयली खाना बिलकुल न खाएं।
बहुत अधिक ऑयली या मसालेदार खाने से पेट में जलन, दर्द जैसी समस्या हो सकती है
रोजा रखने से ये होती है परेशानियां
समय से पहले शिशु का जन्म होना
गर्भ में ही शिशु की मौत होना
जेस्टेशनल डायबिटीज होना
नवजात का वजन सामान्य से कम होना
शिशु का शारीरिक विकास ठीक तरह न होना
मस्तिष्क के विकास में परेशानी आना
शारीरिक रूप से कमजोर हो सकती हैं महिलाएं
महिला अगर प्रेग्नेंसी में पूरा रोजा करना चाहती हैं, तो सबसे पहले अपने गायनोकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और उनके द्वारा बताई गई सलाह का ही पालन करें। क्योंकि हर महिला या किसी भी व्यक्ति की शारीरिक बनावट अलग-अलग होती है। महिलाओं के अलावा जो लोग बीमारी की स्थिति में भी रोजे रखते हैं, उन्हें जांच के लिए खून देने या फिर इंजेक्शन लगवाने की छूट होती है।